कृषक जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न
हरदोई :कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा इन सीटू फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना अन्तर्गत विकास खण्ड बावन के चयनित ग्राम दरबेशपुर,बरखेरा एवं विकास खण्ड हरियावा के चयनित ग्राम अटवा,पिपरी मे ग्राम स्तरीय कृषक जागरूकता व प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा कटाई क्षेत्र दिवस संपन्न कराया गया।कार्यक्रम के दौरान केन्द्र के अध्यक्ष डॉक्टर रामप्रकाश द्वारा पराली प्रबंधन के विषय पर विस्तृत चर्चा की उन्होंने कृषकों को बताया कि धान की फसल के अवशेष को इन सीटू प्रबंधन करके मिट्टी मे जैविक कार्बन की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ डीबी सिंह ने बताया कि किसान भाई सरकार की मंशा के अनुरूप पराली को आग ना लगायें बल्कि फसल अवशेष को कृषि यंत्रों के माध्यम से मिट्टी में मिलाएं और भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाएं। वैज्ञानिक मुकेश सिंह ने फसल अवशेष प्रबंधन की आवश्कता एवं इसके लाभ के बारे मे कृषकों को बताया। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ दीपक कुमार मिश्र ने फसल अवशेष प्रबंधन की अवधारणा तथा अवशेष प्रबंधन मे सहायक कृषि यंत्रों जैसे हैप्पी सीडर, सुपर सीडर ,रिवेर्सीबल प्लाऊ इत्यादि के बारे मे जानकारी दी।
केंद्र के वैज्ञानिक डॉ पृथ्वी पाल ने बताया कि किसान भाई फसलों के अवशेषों मिट्टी मे पलट कर अच्छी खाद के रूप मे उपयोग मे ला सकते हैं।केंद्र की वैज्ञानिक डॉ प्रिया वशिष्ठ ने मृदा के प्रमुख पोषक तत्व के बारे में बताया तथा इसका मानव स्वास्थ्य से क्या संबंध है,के बारे में विस्तृत चर्चा की।डॉ सीपीएन गौतम ने बताया कि बायो डी कंपोजर के प्रयोग की विधि तथा इससे प्रयोग से फसल अवशेष को खाद बनाने की विधि के बारे मे बताया।फसल कटाई दिवस के दौरान फसल अवशेष को मिट्टी मे मिलाने को सजीव कृषकों को दिखाया गया।कार्यक्रम का संचालन डॉ दीपक कुमार मिश्र एवं डॉ डीबी सिंह ने किया तथा धन्यवाद प्रस्ताव डॉ सीपीएन गौतम एवं डॉ पृथ्वी पाल ने दिया। कार्यक्रमों के दौरान करीब पांच सैकड़ा कृषकों ने प्रतिभाग किया।