भारत बंद के समर्थन में आक्रामक हुई कांग्रेस, राहुल ने कहा- तीनों कानूनों को रद्द करने से कम मंजूर नहीं
कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर बुलाए गए भारत बंद से ठीक पहले कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में अपना रुख और आक्रामक कर लिया है। सरकार पर अड़ियल रुख अपनाने का आरोप लगाते हुए पार्टी ने कहा है कि भारत बंद के दौरान लोगों को कोई मुश्किल होती है तो इसके लिए केंद्र जिम्मेदार होगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों की मांग का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने से कुछ भी कम मंजूर नहीं होगा। कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की अपनी मांग को लेकर भी कांग्रेस ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है।
राहुल गांधी ने ट्वीट में कहा- 8 दिसंबर को भारत बंद का कांग्रेस पूर्ण समर्थन करेगी
कृषि कानूनों को निरस्त करने के मुद्दे पर किसान संगठनों के मंगलवार को बुलाए भारत बंद का विपक्षी खेमे की लगभग सभी पार्टियां समर्थन कर रही हैं। इसमें कांग्रेस राजनीतिक रुप से सबसे मुखर है। राहुल गांधी ने किसानों की मांग की पैरोकारी करते हुए ट्वीट में कहा ‘8 दिसंबर को किसान क्रांति के समर्थन में शांतिपूर्ण भारत बंद है। हम इसका पूर्ण रूप से समर्थन करेंगे। देश के अन्नदाता से अत्याचार और अन्याय असहनीय है। कृषि कानून रद्द करने होंगे और कुछ भी मंजूर नहीं।’
कांग्रेस ने कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग उठाई
कृषि कानूनों के खिलाफ शुरूआत से मुखर रहे राहुल के तेवरों के अनुरूप कांग्रेस ने इन कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग उठाई। लोकसभा में कांग्रेस के तेज-तर्रार सांसद मनीष तिवारी ने संसद सत्र बुलाने का दबाव बनाने के लिए जंतर मंतर पर सोमवार को प्रदर्शन किया।
तीनों कानूनों के सहारे खेती को कारपोरेट के हाथों में सौंपा जा रहा: किसान नेता जाखड़
वहीं पार्टी के किसान नेता सुनील जाखड़ ने प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि अमेरिकी मॉडल का अनुकरण करते हुए एनडीए सरकार किसानों के हित के खिलाफ कारपोरेट के लिए लॉबिस्ट की भूमिका निभा रही है। किसानों के समर्थन में विपक्षी पार्टियों के रुख को वाजिब ठहराते हुए जाखड़ ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को लेकर सरकार की मंशा पर शुरू से संदेह है। साथ ही सरकार इसको लेकर किसानों के साथ देश को भी गुमराह कर रही है क्योंकि सच्चाई यही है कि इन तीनों कानूनों के सहारे खेती को कारपोरेट के हाथों में सौंपा जा रहा है।
प्रसाद पर पलटवार करते हुए सुरजेवाला ने कहा- खेती को पूंजीपतियों को देना और कसूर कांग्रेस का?
वहीं किसानों के बंद का समर्थन करने को लेकर विपक्षी दलों विशेषकर कांग्रेस पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के तीखे हमलों पर पलटवार करते हुए पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसे चोर मचाए शोर सरीखा करार दिया। उन्होंने कहा कि रात के अंधेरे में खेती विरोधी तीन काले कानून अध्यादेश के जरिए मोदी सरकार लेकर आयी। संसद में जबरन ध्वनि मत से इसे पारित कराया और खेती को पूंजीपति मित्रों के हाथों रखवाए और कसूर कांग्रेस का?