01 November, 2024 (Friday)

मैं व‍िराम करने के ल‍िए पैदा नहीं हुआ हूं… PM मोदी ने PMO के कर्मचार‍ियों से ऐसा क्‍यों कहा?

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कार्यभार संभाल लिया. पीएम मोदी ने ऑफ‍िस पहुंचते ही एक्‍शन मोड में नजर आए. उन्‍होंने सबसे पहला फैसला क‍िसानों के पक्ष में ल‍िया और ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ की 17वीं किस्त जारी की. इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पीएमओ ऑफ‍िस में काम करने वाले सभी कर्मचार‍ियों की जमकर तारीफ की. उन्‍होंने कहा क‍ि मैं व‍िराम करने के ल‍िए पैदा नहीं हुआ हूं.

पीएम मोदी ने क‍हा क‍ि जिस टीम ने मुझे 10 साल में बहुत कुछ द‍िया है. उसमें हम और नया क्‍या कर सकते हैं? और अच्छा कैसे कर सकते हैं? और जल्‍दी कैसे कर सकते हैं? और ज्यादा स्केल पर कैसे कर सकते हैं? अगर उन चीजों को लेकर आप सभी आगे बढ़ते हैं, तो मुझे पक्का व‍िश्‍वास है क‍ि देश के 140 करोड़ लोग आपके पुरुषार्थ पर मुहर लगाएंगे. उन्‍होंने कहा क‍ि यह चुनाव मोदी के भाषणों पर नहीं बल्‍क‍ि आपके 10 साल के हर सरकारी कर्मचारियों के पुरुषार्थ पर मुहर लगाई है. इसलिए, इस जीत के बड़े हकदार अगर कोई हैं, तो आप लोग हैं.

उन्‍होंने कहा क‍ि इस जीत का सच्चा हकदार कोई हैं, तो भारत सरकार का हर कर्मचारी हैं. ज‍िन्‍होंने एक व‍िजन के लिए अपने आपको खपा द‍िया और कोई कमी नहीं रखी. उन्‍होंने कहा क‍ि देश में पहले से बहुत तेज गत‍ि से काम हुए, जिसका परिणाम भी नजर आ रहा हैं, लेकिन मैं एक नई उर्जा के साथ और नए हौसले के साथ आगे बढ़ना चाहता हूं और मैं विराम करने के लिए पैदा नहीं हुआ.

पीएम मोदी ने कहा क‍ि हमारे देश में छवि बनी हुई थी और पीएमओ शक्ति का केंद्र है. इसलिए 2014 से हमने इसमें कई बदलाव क‍िए. उन्‍होंने कहा क‍ि पीएमओ एक पीपल पीएमओ होना चाहिए. मेरे दिल दिमाग में 140 करोड़ नागरिक नहीं है, ये 140 करोड़ परमात्मा का रूप है. सरकार में अकेला मोदी नहीं होता, उसके साथ जो हजारों दिमाग जुड़े हुए हैं उसी का परिणाम होता है क‍ि सामान मानवीय को सामर्थ का साक्षात्कार होता है.

उन्‍होंने कहा क‍ि हम वो लोग नहीं है क‍ि इतने बजे ऑफिस का समय होता है. 10 साल से कई लोग आपमें से मुझे झेल रहे हैं और कई लोग मुझे अब झेलेंगे. पीएम मोदी ने कहा क‍ि एक ही लक्ष्य नेशन फर्स्ट, एक ही इरादा 2024, मैं मेरी टीम से ये चाहता हूं. पीएम मोदी ने कहा क‍ि सरकार का मतलब सामर्थ्य, समर्पण और संकल्पों की नई ऊर्जा है. उन सबको मेरा निमंत्रण है, जो विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए समर्पित भाव से खप जाना चाहते हैं.

उन्‍होंने कहा क‍ि इच्छा + स्थिरता = संकल्प और संकल्प + परिश्रम = सिद्धि. जहां कोई नहीं पहुंचा, वहां अपने देश को हमें पहुंचाना है. सफल इंसान वो होता है, जिसके भीतर का विद्यार्थी कभी मरता नहीं है. उन्‍होंने कहा क‍ि इस विजय के बड़े हकदार भारत सरकार के कर्मचारी भी हैं, जिन्होंने एक विजन के लिए खुद को समर्पित कर दिया.

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