25 November, 2024 (Monday)

दशमोत्तर छात्रवृत्ति हेतु 10 तक करें ऑनलाइन आवेदन

एटा। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, एस0पी0सिंह ने यह जानकारी देते हुये बताया कि दशमोत्तर छात्रवृत्ति हेतु से सम्बन्धित जनपद के मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत समस्त वर्ग (अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ा वर्ग/अल्पसंखक वर्ग/सामान्य वर्ग) के छात्र/छात्राओं जो छात्रवृत्ति आवेदन के लिये अवशेष रह गय थे, उन सभी छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति आवेदन पत्र ऑनलाइन करने की नवीन नर्गत समय सारिणी के अनुसार अन्तिमतिथि 10 जनवरी 2021 निर्धारित कर दी गयी है।
जनपद के सभी शिक्षण संस्थानों को निर्देशित किया जाता है कि दशमोत्तर कक्षाओं (कक्षा 11 व 12 एवं अन्य दशमोत्तर कक्षा) में अध्ययनरत छात्रवृत्ति हेतु अवशेष पात्र छात्र/छात्राओं के निर्धारित समयान्तर्गत छात्रवृत्ति आवेदन पत्रों का आनलाइन कराना सुनिश्चित करें। छात्रवृत्ति से सम्बन्धित समस्त दिशा निर्देश एवं जानकारी ीजजचरूध्ध्ेबीवसंतेीपचण्नचण्हवअण्पद वेबसाईट पर प्रदर्शित किये गय है। साथ ही छात्र/छात्राओं व संस्थाओं द्वारा निम्न बिन्दुओं पर ध्यान देना आवश्यक है।
उन्होनें कहा कि उक्तनवीन समय-सारिणी के समयावधि के अन्तर्गत वार्षिक परीक्षाफल अथवा सेमेस्टर होने की दशा में दोनों सेमेस्टर क परीक्षाफल जारी/उत्तीर्ण/प्रोन्नत होने पर छात्र अपने पूर्व आवेदन का नवीनीकरण कर सकेगें। संस्था द्वारा छात्र का आवेदन ऑनलाइन अग्रसारित करते समय छात्र का गतवर्ष की परीक्षा(सेमेस्टर होने की दशा में दोनों सेमेस्टर के अंक जोडते हुये) का प्राप्तंाक एवं पूर्णाक भरना अनिवार्य होगा।
उन्होनें कहा कि साथ ही जनपद के समस्त प्राधानाचार्य/प्राचार्य/शिक्षण संस्थाओं को अवगत कराया जाता है कि उनके संस्थान में अध्ययनरत जिन छात्र/छात्राओं के आधार कार्ड प्रमाणीकरण हेतु जिला समाज/पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी स्तर से ऑनलाइन वेरीफाई होना है उनके सभी छात्र/छात्राओं से सम्बन्धित अभिलेखों की छायाप्रति प्रमाणित कर सम्बन्धित कल्याण विभाग एटा में भेजना सुनिश्चित करें।

तापमान में गिरावट, कोहरा, पाला और बारिश की संभावना
फसलों को रोगों से बचाने के लिए किसान करें उपाय
एटा। जिला उद्यान अधिकारी नलिन सुन्दरम भटट् ने यह जानकारी देते हुये बताया कि प्रदेश में आलू, आम, केला एवं शाकभाजी फसलों की गुणवत्तायुक्त उत्पादन हेतु सम-सामयिक महत्व के रोगों/व्याधियों को समय से नियंत्रण किया जाना नितान्त आवश्यक है। मौसम विभाग द्वारा प्रदेश में तापमान में गिरावट, कोहरा, पाला एवं आगामी दिवसों में बारिश की सम्भावना व्यक्त की गयी है। ऐसी स्थिति में औद्यानिक फसलों को प्रतिकूल मौसम में रोगों/व्याधियों से बचाये जाने हेतु उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उ0प्र0, लखनऊ द्वारा निम्नलिखित सलाह दी जा रही है।
उन्होनें बताया कि प्रदेश में वर्तमान वित्तीय वर्ष में लगभग 6 लाख हेक्टेयर आलू आच्छादन सम्भावित है। वातावरण में तापमान में गिरावट एवं बूंदा-बंादी की स्थिति में आलू की फसल पिछेती झुलसा रोग के प्रति अत्यन्त संवेदनशील है। प्रतिकूल मौसल विशेषकर बदलीयुक्त बूंदा-बंादी एवं नम वातावरण में झुलसा रोग का प्रकोप बहुत तेजी से फैलता है तथा फसल को भारी क्षति पहुँचती है। पिछेती झुलसा रोग के प्रकोप से पत्तियॉ सिरे से झुलसना प्रारम्भ होती हैं, जो तीव्रगति से फैलती हैं। पत्तियों पर भूरे काले रंग के जलीय धब्बे बनते हैं तथा पत्तियों के निचली सतह पर रूई की तरह फफॅूद दिखाई देती है।
बदलीयुक्त 80 प्रतिशत से अधिक आर्द्र वातावरण एवं 10-20 डिग्री सेन्टीग्रेड तापक्रम पर इस रोग का प्रकोप बहुत तेजी से होता है और 2 से 4 दिनों के अन्दर ही सम्पूर्ण फसल नष्ट हो जाती है। आलू की फसल को अगेती व पिछेती झुलसा रोग से बचाने के लिए जिंक मैगनीज कार्बामेट 2.0 से 2.5 कि0ग्रा0 अथवा मैंकोजेब 2 से 2.5 कि0ग्रा0 प्रति हेक्टेयर की दर से 800 से 1000 ली0 पानी मंे घोल बनाकर छिड़काव किया जाये तथा माहू कीट के प्रकोप की स्थिति में नियंत्रण के लिए दूसरे छिड़काव में फफॅूंदीनाशक के साथ कीट नाशक जैसे-डायमेथोएट 1.0 ली0 प्रति हेक्टेयर की दर से मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। जिन खेतो में पिछेती झुलसा रोग का प्रकोप हो गया हो तो ऐसी स्थिति में रोकथाम के लिये अन्तःग्राही (सिस्टेमिक) फफूॅद नाशक मेटालेक्जिल युक्त रसायन 2.5 कि0ग्रा0 अथवा साईमोक्जेनिल फफूँदनाशक युक्त रसायन 3.0 कि0ग्रा0 प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।
उन्होनें बताया कि प्रदेश में आम की अच्छी उत्पादकता सुनिश्चित करने हेतु गुजिया कीट (मैंगो मिलीबग) से बचाया जाना अत्यन्त आवश्यक है। इस कीट से आम की फसल को काफी क्षति पहुँचती है। इसके शिशु कीट (निम्फ) को पेड़ों पर चढ़ने से रोकने के लिए माह दिसम्बर में आम के पेड़ के मुख्य तने पर भूमि से 30-50 से0मी0 की ऊँचाई पर 400 गेज की पालीथीन शीट की 25 सेमी0 चौड़ी पट्टी को तने के चारों ओर लपेट कर ऊपर व नीचे सुतली से बांध कर पॉलीथीन शीट के ऊपरी व निचली हिस्से पर ग्रीस लगा देना चाहिए। कीट के नियन्त्रण हेतु जनवरी के प्रथम सप्ताह से 15-15 दिन के अन्तर पर दो बार क्लोरीपाइरीफॉस (1.5 प्रतिशत) चूर्ण 250 ग्राम प्रति पेड़ के हिसाब से तने के चारों ओर बुरकाव करना चाहिए। अधिक प्रकोप की दशा में यदि कीट पेड़ांे पर चढ़ जाते हैं तो ऐसी स्थिति में कारबोसल्फान अथवा डायमेथोएट 2.0 मि0ली0 दवा को प्रति ली0 पानी में घोल बनाकर आवश्यकतानुसार छिड़काव करें।
उन्होनें बताया कि प्रदेश में तराई क्षेत्रों में केला की खेती व्यवसायिक स्तर पर तेजी से की जा रही है। वातावरण में पाला पड़ने के कारण केले की फसल को काफी नुकसान पहुँचता है। इसी प्रकार अन्य सब्जियाँ यथा-मिर्च, टमाटर, मटर आदि फसलों पर भी कम तापमान एवं कोहरा, पाला एवं बूंदा-बांदी से भारी नुकसान पहुँचता है। ऐसी स्थिति में किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि अपने खेतों के आस-पास धुँआ आदि करके फसल को पाले से बचाएँ तथा आवश्यकतानुसार फसलों में नमी बनाये रखने हेतु समय-समय पर सिंचाई की जाय। पौधशाला के छोटे पौधों को पाले, कोहरे से बचाये जाने हेतु उद्यानों को पॉलीथीन अथवा टाट से ढंकना चाहिए।

वृहद रोजगार मेला 6 जनवरी 2021 को
एटा। जिला सेवायोजन अधिकारी रामखिलाड़ी ने सूचित किया है कि 06 जनवरी 2021 को प्रातः 10 बजे से जिला सेवायोजना कार्यालय एटा/राजकीय आई0टी0आई0 एटा एवं उ0प्र0 कौशल विकास मिशन एटा के सयुक्त तत्वाधान में राजकीय आई0टी0आई0 परिसर कासगंज रोड एटा में एक दिवसीय वृहद रोजगार मेला का आयोजन किया जाएगा। जिसमें लगभग 25 कम्पनियों द्वारा 3000 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के माध्यम से चयनित की कार्यवाही की जायेगी। अभ्यर्थियों को विभागयी पोर्टल ेमूंलवरंदण्नचण्दपबण्पद एवं दबेण्हवअण्पद पर पंजीयन होना आवश्यक है। जिसमें अभ्यर्थी हाईस्कूल से स्नातक, स्नातकोत्तर/आईटीआई /डिप्लोमा उत्तीर्ण अभ्यर्थी सम्मिलित हो सकेंगे। उम्र 18 वर्ष से 40 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। इच्छुक अभ्यर्थी जो मेले में प्रतिभाग करना चाहते हैं वे अपने समस्त शैक्षिक प्रमाणपत्रों सहित, 2 फोटो, पंजीयन कार्ड, आधार कार्ड अवश्य साथ लाएं। मेले में प्रतिभाग करने हेतु मास्क पहनना अनिवार्य है।

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