24 November, 2024 (Sunday)

राजस्थान में क्यों नहीं हुए, अमृत महोत्सव के कार्यक्रम: भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि देश के अमृतकाल के अवसर पर सबकी भागीदारी होनी चाहिए लेकिन दंगों एवं भ्रष्टाचार के इतिहास वालाें से उम्मीद नहीं की जा सकती है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने यहां पार्टी मुख्यालय में सामाजिक पखवाड़ा कार्यक्रम का समापन करते हुए संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि आज़ादी का अमृत महोत्सव देश का कार्यक्रम है। देश भर में विभिन्न राज्य सरकारों ने अपने अपने स्तर से कार्यक्रम आयोजित किये हैं। वह राजनीतिक बात नहीं करना चाहते हैं लेकिन एक सवाल है कि क्या राजस्थान में ऐसा कोई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि यह देश का अमृतकाल है और इसलिए इसमें सबकी भागीदारी होनी चाहिए लेकिन जिनका इतिहास भ्रष्टाचार और दंगों से भरा रहा हो, उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है।

श्री ठाकुर ने सामाजिक पखवाड़े का समापन करते हुए कहा कि सामाजिक पखवाड़े में गरीब कल्याण कार्यक्रमों को देश के जन जन तक पहुंचाने का काम किया गया ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। लोगों को आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास, किसान सम्मान निधि, कोविड टीकाकरण, पोषण अभियान, गरीब कल्याण अन्न योजना आदि के बारे में अवगत कराया गया है।

सूचना प्रसारण मंत्री ने आज़ादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के बारे में कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव का अर्थ है- स्वतंत्रता की ऊर्जा का अमृत, स्वतंत्रता संग्राम के योद्धाओं के प्रेरणा का अमृत, नए विचारों और प्रतिज्ञाओं का अमृत, आत्मनिर्भरता का अमृत। इसीलिए ये महोत्सव राष्ट्रजागरण का पर्व है, सुशासन के सपनों को साकार करने का त्योहार और वैश्विक शांति और विकास का त्योहार है।

श्री ठाकुर ने कहा कि अमृत महोत्सव के अंतर्गत 18 अप्रैल तक जो कुल कार्यक्रम हुए हैं, उनकी संख्या 25 हजार है जिनमें मंत्रालय और विभागों के द्वारा 8616 कार्यक्रम अब तक किये जा चुके हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 9516 कार्यक्रम किये गए हैं। दूसरे देशों में विदेश मंत्रालय एवं अन्य संगठनों के द्वारा 2347 कार्यक्रम किये गए हैं। आजादी के अमृत महोत्सव में प्रतिदिन लगभग 50 कार्यक्रम होते हैं। प्रति घन्टे 2 और प्रति 30 मिनट में एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जनभागीदारी के आधार पर मनाये जा रहे आज़ादी के अमृत महोत्सव में स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे ऐसे नायकों, पुरोधाओं और बलिदानियों को याद किया गया है जिनके बारे में अब तक लोग जानते नहीं थे। ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों को डिजीटल ज्योति से श्रद्धांजलि अर्पित की गयी है। उनके योगदान को लिपिबद्ध किया जा रहा है। कोलकाता में बिप्लवी भारत संग्रहालय बनाया गया है। लद्दाख में खादी से बना 225 फुट लंबा तिरंगा फहराया गया।

मुंबई में स्वतंत्रता सेनानियों की एक प्रदर्शनी में वीर सावरकर एवं दादा साहब फड़के के चित्र नहीं होने संबंधी एक सवाल पर उन्होंने कहा कि वीर सावरकर की स्वाधीनता संग्राम में बहुत बड़ी भूमिका थी। देश के सामने सवाल है कि क्या जानबूझ कर कुछ लोगों को ही स्वतंत्रता प्राप्ति का श्रेय दिया गया और बहुत सारे लोगों को गुमनाम ही रहने दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में किसी चित्र की कोई कमी होगी तो उसे सुधारा जाएगा।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के लिए लालकिला से बेहतर कोई स्थान नहीं हो सकता है। इस पर्व काे पूरी श्रद्धा एवं भव्यता से मनाया जाएगा।

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