विजय माल्या के खिलाफ अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई, जानिए पूरा मामला
भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) के खिलाफ अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अब 10 मार्च को इस मामले में सुनवाई होगी। जस्टिस यूयू ललित, रविंद्र एस भट और पीएस नरसिम्हा ने एमिकस क्यूरी वरीष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता के आग्रह पर सुनवाई स्थगित कर दी।
शीर्ष अदालत ने एमिकस क्यूरी और वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता की इस दलील को स्वीकार कर किया कि सजा के मुद्दे पर माल्या को इस मामले में अपना पक्ष रखने का आखिरी मौका दिया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने स्पष्ट किया था कि यह भारत सरकार का स्टैंड नहीं है कि लंदन में इस मामले में कुछ गोपनीय चल रहा है।
क्या है मामला?
विजय माल्या को अदालत से जानकारी छिपाने के लिए अवमानना के एक मामले में 9 मई 2017 को दोषी पाया गया था। अदालत ने माल्या को अपने बच्चों के अकाउंट में चार करोड़ डॉलर ट्रांसफर करने और संपत्ति का सही ब्यौरा ना देने पर आदेशों की अवमानना का दोषी पाया था। अदालत कई बार माल्या को अदालत में पेश होने के लिए कह चुका है।
गौरतलब है कि अदालत ने 10 फरवरी को माल्या को अपने खिलाफ अवमानना मामले में व्यक्तिगत रूप से या वकील के माध्यम से पेश होने के लिए दो सप्ताह का आखिरी मौका दिया था। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि माल्या अपना पक्ष नहीं रखते हैं तो कोर्ट इस मामले को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए आगे बढ़ेगी।
18 हजार करोड़ रुपये किए वसूल
सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में जानकारी दी कि बैंकों ने अब तक विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से 18 हजार करोड़ रुपये वसूल लिए हैं। उन्होंने बताया कि कोर्ट द्वारा पीएमएलए के तहत जारी किए आदेश के तहत ईडी ने विजय माल्या, नीरव मोदी और चोकसी से 18 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया है।