वाहन चोरी करने वाले गिरोह का देवरिया पुलिस ने किया पर्दाफाश
कुशीनगर। देवरिया एसओजी टीम द्वारा वाहन चोरी करने वाले गिरोह के पकडे गये चार सदस्यों मे कुशीनगर जनपद के कसया थाना क्षेत्र के अधिवक्ता व निवर्तमान ग्राम प्रधान विपिन तिवारी व रकेश कुशवाहा भी शामिल है। इन वाहन चोरो ने बीते दिनो देवरिया के सदर कोतवाली परिसर मे खडी एसओजी की बोलोरो चोरी कर पुरे पुलिस महकमे को चुनौती दी थी। हालांकि पुलिस ने घटना के तीसरे दिन बोलोरो बरामद कर लिया था और इन चोरो की तलाश मे जुटी हुई थी। नतीजतन घटना के आठ दिन बाद वाहन चोर गिरोह के चार सदस्य पुलिस के हत्थे चढ गये। पकडे गए वाहन चोरो के पास से पुलिस ने एक स्कार्पियो, लाइसेंसी असलहा और एक किलो चरस बरामद किया है।
देवरिया के पुलिस अधीक्षक डा0 श्रीपति मिश्रा मंगलवार को पुलिस लाइन के मनोरंजन कक्ष में मीडिया से मुखातिब हुए 28 मार्च को कोतवाली परिसर से एसओजी की चोरी की गई बोलेरो की घटना में शामिल गिरोह का पर्दाफाश किया था। देवरिया के पुलिस कप्तान के मुताबिक नशे की हालत में बदमाश बोलेरो चुरा ले गए थे। सुबह नशा टूटा तो इनको लगा कि पुलिस की गाड़ी लेकर चले आए हैं और कुशीनगर जनपद के पटहेरवा थाना क्षेत्र में लावारिस हालत में वाहन को छोड़कर फरार हो गये थे। उन्होंने बताया कि सोमवार की रात एसओजी ने कसया रोड के पास से एक स्कार्पियों में सवार चार लोगों को गिरफ्तार कर किया। पकड़े गए व्यक्तियों की पहचान निवर्तमान ग्राम प्रधान व अधिवक्ता विपिन तिवारी पुत्र बाबू नंदन तिवारी निवासी सोहसा पट्टी गौसी थाना-कसया जनपपद कुशीननगर, राकेश कुशवाहा पुत्र हरिवंश कुशवाहा निवासी अनिरूद्धवा थाना कसया, अंजनी सिंह उर्फ टिंकू निवासी खेमादेई थाना लार औ शंभु पांडेय निवासी लोहटी थाना कटया बिहार के रूप में हुई। पकड़े गए बदमाशों के पास से पुलिस ने लाइसेंसी पिस्टल, तमंचा, एक किलो चरस बरामद किया है। पुलिस ने चारो वाहन चोरो के खिलाफ अपराध संख्या 183/2021 धारा-379 आईपीसी अन्य धाराओं मे कार्रवाई करते हुए जेल भेध दिया है। पुलिस विभाग द्वारा दी जानकारी के मुताबिक अंजनी पर तीन और शंभु पर पांच आपराधिक मुकदमे पहले भी दर्ज हैं।
खाकी से विपिन का है पुराना नाता
वाहन चोरी मे पकडे गये अधिवक्ता विपिन तिवारी अपने गांव का प्रधान भी रह चुका है। बताया जाता है कि वकालत के दौरान उसने पुलिस से गहरे संबंध बना लिया। पिस्टल लगाने वाले विपिन पर एसओजी को काफी विश्वास था। ऐसी चर्चा है कि विपिन पुलिस से तालमेल बनाकर आरोपितों का मुकदमा भी लड़ता था। कहना न होगा कि पेशे से वकालत और एसओजी से गहरा संबंध ने ही विपिन को अति महत्वाकांक्षी के साथ-साथ पैसो का भुक्खड बना दिया था। शायद यही वजह रहा कि गरिमामयी पेशे से जुडे होने के बावजूद चोरी व तस्करी जैसे घिनौने वारदात मे शामिल होने मे विपिन को अपने मान-सम्मान का तनिक भी ख्याल नही आया। बताया जाता है कि घटना के दिन विपिन तिवारी अपने चालक राकेश कुशवाहा के साथ शहर में आया था। महकमे में गहरी पैठ रखने वाले इस शातिर के कुशीनगर और देवरिया के कई थानेदारों से अच्छे रिश्ते हैं। मोबाइल पर हुई बात और व्हाट्सएप चैटिंग से इसका खुलासा हुआ है।
पुलिस और बदमाशों की गठजोड़ का हुआ खुलासा
सूत्रो की माने तो कुशीनगर में तैनात रहे एक दरोगा जो इस समय देवरिया के एक पुलिस चौकी के प्रभारी है। उनसे विपिन से गहरे रिश्ते हैं। बताया जाता है कि घटना के दिन विपिन शराब लेने शहर में आया था और चौकी प्रभारी ने एक पेटी शराब दी थी। सूत्रों का कहना है कि बदमाश नशे की हालत में बोलेरो लेकर बिहार के शातिर बदमाश दिनेश के पास पहुंचे। जहां पर बोलेरो का पहिया खोल कर वाहन को काटने की योजना थी। परन्तु जब इन बदमाशों को पता चला कि एसओजी पीछे है तो कुशीनगर एसओजी से एक बदमाश ने संपर्क साध कर वाहन को लावारिस हाल में बरामद करा दिया।