02 November, 2024 (Saturday)

यूपी में फिर डाउन होगी लाउडस्पीकरों की आवाज, CM योगी ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर धार्मिक स्थलों पर तय मानकों से ज्यादा आवाज में बज रहे लाउडस्पीकरों के खिलाफ एक्शन शुरू हो रहा है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाउडस्पीकरों की बढ़ती आवाज को कंट्रोल कराने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य के सभी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर का संचालन तय मानकों के तहत करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद यूपी के तमाम जिलों में सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम की तरफ से लाउडस्पीकर की आवाज संबंधी गाइडलाइंस जारी की गईं थी।

फिर मिलने लगीं तेज आवाज की शिकायतें

कुछ महीने तक तो उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों की आवाज कम रहीं, लेकिन अब कई जगहों से फिर तेज आवाज की शिकायतें मिलने लगी हैं। लाउडस्पीकरों की इसी बढ़ी हुई आवाज पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने फिर से एक्शन शुरू कर दिया है। धार्मिक स्थलों पर तेज आवाज में बज रहे लाउडस्पीकर की शिकायत मिलने पर योगी कैबिनेट में मंत्री धर्मपाल सिंह ने नियम का उल्लंघन करने वाले लाउडस्पीकरों को उतारने का निर्देश दिया है। बरेली में उन्होंने कहा कि तेज आवाज में लाउडस्पीकर मंदिर में बज रहे हों या मस्जिद या चर्च में सबको उतारने होंगे।

क्या हैं सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिकस्थलों पर लाउडस्पीकर बजाने को लेकर एक गाइडलाइन जारी कर रखी है। लोगों की सुविधा के लिए इसकी आवाज के कुछ मानक तय किए गए हैं। मानकों के मुताबिक, रात के समय लाउडस्पीकर की आवाज 35 डेसिबल और दिन के समय 45 डेसिबल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। हालांकि इसमें राज्य सरकार थोड़ी राहत दे सकती है और आवाज को 55 डेसिबल तक बढ़ाने की इजाजत दे सकती है। लेकिन आमतौर पर धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर 100 से 120 डेसिबल तक की आवाज पैदा करते हैं, जो सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा था?
2005 में महाराष्ट्र के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लाउडस्पीकरों की आवाज पर आदेश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी को भी ऊंची आवाज सुनने के मजबूर करना मौलिक अधिकार का हनन है। कोर्ट ने कहा था कि देश में हर व्यक्ति को शांति से रहने का अधिकार है और अभिव्यक्ति की आजादी जीने की आजादी के अधिकार के ऊपर नहीं है। यही वजह है कि अब योगी सरकार लाउडस्पीकरों द्वारा पैदा की जा रही तेज आवाज पर एक्शन लेने के लिए कमर कस चुकी है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *