UP Cabinet Meeting Decision: चीन छोड़ नोएडा आयी सैमसंग की डिस्प्ले यूनिट को विशेष प्रोत्साहन मंजूर
चीन को छोड़कर नोएडा में मोबाइल फोन और आइटी उत्पादों की डिस्प्ले यूनिट बनाने का कारखाना स्थापित कर रही मेसर्स सैमसंग डिस्प्ले नोएडा प्राइवेट लिमिटेड को शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में विशेष प्रोत्साहन मंजूर किए गए। कंपनी को उप्र इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति-2017 के तहत पूूंजी उपादान, भूमि हस्तांतरण पर स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी।
इन विशेष प्रोत्साहनों के कारण राज्य सरकार पर अगले पांच वर्षों के दौरान 250 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा। परियोजना को पूंजी उपादान के लिए केंद्र सरकार की ‘स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स एंड सेमीकंडक्टर्स’ (स्पेक्स) के तहत मानकों के अनुसार स्थिर पूंजी निवेश में पुरानी मशीनों की लागत को भी अनुमन्य किया जाएगा। कंपनी को स्पेक्स के तहत भी लगभग 460 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रोत्साहन प्राप्त होगा। इस परियोजना में 1,510 लोगों को प्रत्यक्ष तथा बड़ी संख्या में अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। नोएडा को निर्यात हब की पहचान दिलाने के साथ यह परियोजना प्रदेश में अधिक प्रत्यक्ष पूंजी निवेश (एफडीआइ) लाने में सहायक होगी।
मेसर्स सैमसंग डिस्प्ले नोएडा प्राइवेट लिमिटेड की ओर से नोएडा फेज-2 में 4,825 करोड़ रुपये के निवेश से मोबाइल और आइटी डिस्प्ले उत्पादों की मैन्युफैक्चङ्क्षरग यूनिट स्थापित की जा रही है। भारत में 25 वर्ष पूरे कर चुकी दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग विश्व में टीवी, मोबाइल फोन, टैबलेट, घडिय़ों आदि में इस्तेमाल किए जाने वाले कुल डिस्प्ले उत्पाद का 70 प्रतिशत से अधिक का निर्माण दक्षिण कोरिया, वियतनाम और चीन में करती है। सैमसंग की यह परियोजना देश में मोबाइल व आइटी डिस्प्ले उत्पादों के निर्माण की पहली इकाई है जो कि चीन से विस्थापित होकर उत्तर प्रदेश में स्थापित की जा रही है।
इस परियोजना की स्थापना से भारत ओलेड तकनीक से निर्मित मोबाइल डिस्प्ले बनाने वाला तीसरा देश बन जाएगा। डिस्प्ले इकाइयों का प्रस्तावित निवेश मूल उत्पाद का एक ज्यादा लागत वाला हाई टेक्नोलॉजी कंपोनेंट है। यह इकाई बीच की सप्लाई चेन की कड़ी को पूरा करने के लिए तथा भविष्य में प्रदेश में डिस्प्ले से संबंधित फैब इकाई की स्थापना के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
कंपनी को केस-टू-केस आधारित विशेष प्रोत्साहन देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित सशक्त समिति ने सिफारिशें व सुझाव दिए थे। इन सुझावों पर विचार कर अपनी सिफारिशों को कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में तीन वरिष्ठ मंत्रियों की समिति गठित की थी। मंत्रियों की समिति की सिफारिशों के आधार पर कैबिनेट ने इस इकाई को विशेष प्रोत्साहन मंजूर किए हैं।
पांच वर्षों में 50 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य
बीते वित्तीय वर्ष 2.7 बिलियन डॉलर का निर्यात करने वाला सैमसंग उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा निर्यातक है। सैमसंग समूह ने अगले पांच वर्षों में कुल 50 बिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य रखा है।