उडान योजना को प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए चुना गया
नागरिक विमानन मंत्रालय की एक प्रमुख योजना उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) को ‘ नवाचार (सामान्य) – केंद्रीय’ श्रेणी के तहत लोक प्रशासन 2020 में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए चुना गया है।
सरकार ने राज्यों के जिलों और संगठनों द्वारा किए गए असाधारण और अभिनव कार्यों को मान्यता देने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए यह पुरस्कार शुरू किया था। इस योजना में लक्ष्यों की उपलब्धि के साथ साथ सुशासन, गुणात्मक उपलब्धियों और अंतिम पड़ाव तक संपर्क पर जोर दिया गया है। पुरस्कार में एक ट्रॉफी, पट्टिका और 10 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। नागरिक विमानन मंत्रालय को गुरूवार को लोक सेवा दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार दिया जायेगा। सरकार ‘सिविल सेवा दिवस’ के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित करती है जिसमें मंत्रालय के प्रतिनिधि को पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
वर्ष 2016 में शुरू की गई उड़ान योजना का उद्देश्य उड़े देश का आम नागरिक की अवधारणा का पालन करते हुए दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में एक उन्नत विमानन बुनियादी ढांचे तथा हवाई संपर्क के साथ आम आदमी की आकांक्षाओं को पूरा करना है। पांच वर्षों की छोटी सी अवधि में इस योजना के तहत 415 उड़ान मार्गों द्वारा 66 हवाई अड्डों को जोड़ा गया है जिसमें हेलीपोर्ट और वाटर एयरोड्रोम शामिल हैं और 92 लाख से अधिक लोग इससे लाभान्वित हुए हैं। इस योजना के तहत 1 लाख 79 हजार से अधिक उड़ानें संचालित की गई हैं। उड़ान योजना ने पहाड़ी राज्यों, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और द्वीपों सहित संपूर्ण भारत के कई क्षेत्रों को अत्यधिक लाभान्वित किया है।
उड़ान योजना का देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और उद्योग हितधारकों विशेषकर एयरलाइन संचालकों और राज्य सरकारों ने इसमें अच्छी रूचि दिखायी है। इस योजना के तहत 350 से अधिक नए शहरों को जोड़ने की योजना है, जबकि 200 शहरों को पहले ही जोड़ा जा चुका है। इस योजना के माध्यम से संतुलित क्षेत्रीय विकास को सुनिश्चित किया जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप आर्थिक विकास के साथ साथ स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है।