सोनिया समेत 13 नेताओं ने समाज के ध्रुर्वीकरण पर चिंता जतायी
तेरह प्रमुख राजनीति दलों के नेताओं ने लोगों से देश में शांति और सद्भावना बनाये रखने की संयुक्त अपील करते हुए सांप्रदायिक हिंसा के दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी , राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी,
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट ,पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, झामुमो के कार्यकारी
अध्यक्ष हेमंत सोरेन, नेशनल कांफ्रेन्स के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला, राजद के तेजस्वी यादव , भाकपा के डी राजा,
ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक के महासचिव डी विश्वास, रिवोलुश्नरी पार्टी के महासचिव मनोज भट्टाचार्य , आई
यूएमएल के महासचिव पी के कुनहलकुट्टी और भाकपा (एमएल) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने इस संयुक्त अपील पर हस्ताक्षर किये हैं।
यह संयुक्त अपील कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा एक अंग्रेजी अखबार में देश में ध्रुर्वीकरण के मुद्दे पर लिखे गये लेख के बाद की गयी है।
इन नेताओं ने कहा है कि वे देश में भोजन, पोषाक, त्यौहारों और भाषा से जुड़े मुद्दों का सत्ता प्रतिष्ठान के एक
वर्ग द्वारा जिस तरीके से समाज के ध्रुवीकरण के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है उससे खिन्न हैं। उन्होंने कहा है कि आधिकारिक संरक्षण प्राप्त लोगों द्वारा देश में द्ववेषूपर्ण भाषणों की बढती घटनाएं चिंता का विषय है
उन्होंने कहा है कि इन लोगों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई भी नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि वे देश के विभिन्न हिस्सों में हाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं। इन नेताओं ने कहा है कि जिस तरह से सोशल मीडिया का घृणा और भेदभाव फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है वह भी दुखद है।
अपील में कहा गया है कि यह हैरानी की बात है कि प्रधानमंत्री इस पर चुप्पी साधे हुए हैं जिससे लगता है कि
इन लोगों को आधिकारिक संरक्षण हासिल है। उन्होंने कहा है कि वे सब देश में सामाजिक सद्भावना को मजबूत बनाने तथा समाज को बांटने वाली विचारधारा का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इन नेताओं ने देश के सभी लोगों से शांति तथा सौहार्द्रपूर्ण माहौल बनाये रखने की भी अपील की है।