आज जो लोग हिंदुस्तान पर राज कर रहे हैं, उनका आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं’ – सुमन
( आगरा ) । सोमवार को अगस्त क्रांति के अवसर पर ‘अगस्त क्रांति और समाजवाद’ विषय पर चर्चा आयोजित की गई। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजी लाल सुमन मौजूद रहे। संजय प्लेस, हरीपर्वत पर आयोजित इस कार्यक्रम में अपने परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा दिया। गांधी समेत कांग्रेस के बड़े नेता गिरफ्तार कर लिए गए। इसके बाद इस आंदोलन का नेतृत्व समाजवादी विचारक डॉ राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण ने किया। आज अफसोस यह है कि जो लोग हिंदुस्तान में राज कर रहे हैं उनका आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं है, न ही उनका कोई आदर्श है। रामजी लाल सुमन ने कहा कि संकट यह है कि हमारे राष्ट्रीय आंदोलन के जो मूल्य थे उनको समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। हमें संकल्प लेना चाहिए कि गांधी जी सनातनी होने के बावजूद सामाजिक सद्भाव के प्रतीक थे। समाजसेवी हरीश चिमटी ने कहा 9 अगस्त भारतीय संविधान, लोकतंत्र को अक्षुण्ण रखने के संघर्ष के साथ स्वतंत्रता के मूल्यों आदर्शों और संकल्पों का दिन है। परिचर्चा का संचालन धर्मेंद्र यादव गुल्लू ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से रमन गोयल, श्याम कुमार करुणेश, सलीम शाह, हेमंत यादव, विक्रम यादव, रामनरेश यादव, प्रवीण पालीवाल, गुड़िया भारतीय, उर्मिला उपाध्याय, आशु शर्मा, मुईन बाबू, जीतू चौधरी, सचिन चतुर्वेदी, अभय प्रमुख, सुभाष कुशवाह, ऊदल सिंह कुशवाह, पुरुषोत्तम निषाद, गोपाल यादव, अमित चौहान, सलीम उस्मानी, शेंकी श्रोतिया आदि प्रमुख रूप से रहे।