दिल्ली के लाल किले में तीन और संग्रहालय शुरू करने की तैयारी



लाल किले में तीन राष्ट्रीय संग्रहालय खोलने की तैयारी की जा रही है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की मंजूरी के बाद इन्हें खोलने की प्रक्रिया तेज हो चुकी है। उन तीन बैरकों (अंग्रेजों के समय की बनी इमारतों) का संरक्षण कराया जा रहा है जहां इन्हें खोला जाना है। इन संग्रहालयों में उन पुरातात्विक धरोहरों को प्रदर्शित किया जाएगा जो स्थान की कमी के कारण वर्षों से प्रदर्शित नहीं की जा रही हैं। इनसे जहां पर्यटकों को अपनी धरोहर के बारे में और अधिक जानने का मौका मिलेगा। वहीं पुरातत्व के क्षेत्र में शोध करने वालों को भी इसका लाभ मिल सकेगा। जो तीन संग्रहालय बनाए जाने हैं। इसमें से एक संग्रहालय उस इमारत में खुलेगा, जिसमें पिछले साल तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) का इंस्टीट्यूट चलता रहा था। इस इमारत को डेढ़ साल पहले खाली कराया जा चुका है। इस इंस्टीट्यूट को ग्रेटर नोएडा में ले जाया गया है। जबकि, संग्रहालय इसके निकट में चल रही एएसआइ की कैमिकल ब्रांच वाली इमारत में बनाया लाएगा।
इस इमारत को भी दो साल पहले खाली करा लिया गया था। वहीं, तीसरा संग्रहालय इसी इमारत से कुछ दूरी पर कभी खंडहर रही इमारत में स्थानांतरित किया जाएगा। यह इमारत उस समय से खाली है जब तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार की तरफ से 2003 में भारतीय सेना से लाल किले को खाली कराया था। उस समय यह इमारत सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के निवास के रूप में उपयोग में लाई जाती थी। मगर उसके बाद से खाली पड़ी थी। दो साल पहले इसका संरक्षण कार्य कराया जा चुका है। ये तीनों इमारतें अंग्रेजों के समय की बनी हैं। आजादी के बाद से सेना इन्हें उपयोग में ला रही थी।
एएसआइ का कहना है कि राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान के तीन संग्रहालय यहां खोले जाने से पर्यटकों के लिए यहां इतना कुछ देखने के लिए उपलब्ध रहेगा कि कि लाल किला तीन दिन लगातार घूमने के बाद ही पर्यटक यहां सब कुछ देख सकेंगे। इस समय लाल किले में पांच संग्रहालय खुले हुए हैं। लालकिला में जो संग्रहालय खुले हुए हैं उनमें तत्कालीन केंद्रीय संस्कृति मंत्री डा. महेश शर्मा ने आजादी के दीवाने नाम से मार्च 2019 में संग्रहालय का शुभारंभ किया था। इससे पहले 23 जनवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार संग्रहालयों का लाल किले में शुभारंभ किया था। इसमें सुभाष चंद्र बोस, 1857 में हुई आजादी की पहली लड़ाई से संबंधित, याद-ए-जलियां संग्रहालय शामिल हैं। वहीं चौथा संग्रहालय दृश्य कला संग्रहालय है।