TENET के लिए डिम्पल कपाड़िया ने 50 साल बाद दिया था ऑडिशन, बताया क्रिस्टोफर नोलन से मुलाक़ात का क़िस्सा
द डार्क नाइट’, ‘इंसेप्शन’ जैसी फिल्मों के निर्देशक क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म ‘टेनेट’ से डिम्पल कपाड़िया ने हॉलीवुड में डेब्यू कर लिया है। इससे पहले वह इसी साल रिलीज फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ में नजर आई थीं। डिम्पल ने टेनेट और क्रिस्टोफर नोलन के साथ अपनी मुलाक़ात के कुछ दिलचस्प क़िस्से शेयर किये। फ़िल्म भारत में 4 दिसम्बर को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है।
‘टेनेट’ से कैसे जुड़ना हुआ? आपने पहले कभी हॉलीवुड में काम करने के बारे में नहीं सोचा?
मैंने पहले कभी कोशिश भी नहीं की थी। गॉड गिफ्ट, यह किरदार मिल गया तो काम शुरू हो गया। इसके लिए मेरे पास कॉल आया कि मुझे क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म के लिए ऑडिशन देना है। पहले तो लगा कि कोई मजाक कर रहा है। क्रिस्टोफर नोलन मुझे क्यों अपनी फिल्म में लेंगे? फिर कॉल करने वाली लड़की ने कहा कि वाकई आपका ऑडिशन मांगा गया है। मैं राजी हो गई, मगर जब ऑडिशन के लिए दो पेज के डायलॉग देखे तो लगा कि नहीं कर पाऊंगी। ख्याल आया कि रिजेक्शन हो गया तो? फिर सोचा एक बार कोशिश करके देखते हैं।
खैर ऑडिशन का वीडियो बनाकर भेजा तो उनका संदेश आया कि वे ऑडिशन लेने के लिए मुंबई आ रहे हैं। मैं इस बात से ही खुश थी कि क्रिस्टफर नोलन के साथ ऑडिशन करने का मौका मिला। फिर जब उन्होंने कास्ट किया तो खुशी के साथ ही नर्वस भी बहुत थी। इतनी बड़ी फिल्म का हिस्सा बनना हर कलाकार का सपना होता है। इसी नर्वसनेस के कारण काम करते समय एंज्वॉय नहीं कर पाई। अब सोचती हूं कि कितनी पागल थी। मैं बस काम में रही, पर सब कुछ बहुत अच्छे से हो गया।
आपने ऑडिशन बहुत लंबे समय बाद दिया होगा?
ऑडिशन दिए करीब पचास साल हो गए। पहला ऑडिशन राज कपूर साहब की ‘बॉबी’ के लिए दिया था। उसके बाद कभी कोई ऑडिशन नहीं दिया।
क्रिस्टोफर नोलन के साथ आपकी पहली मुलाकात कैसी रही?
हमारी पहली मुलाकात काफी अच्छी रही। वह बहुत अच्छे इंसान हैं। मुझे लगा ही नहीं कि मैं इतने बड़े निर्देशक के सामने खड़ी हूं। उन्होंने बहुत सहजता से बात की। मुझे लगा कि वह काफी मृदुभाषी हो रहे हैं तो मुंह पर नहीं कहेंगे कि आपको मुझे नहीं लेना। मैं तो उनके लिए ऑडिशन देकर ही खुश थी। मैंने जीवन में कभी कल्पना नहीं की थी, एक दिन उनके साथ काम करूंगी। वह मेरी जिंदगी का यादगार लम्हा रहा।
टेनेट’ में भी आपका किरदार बहुत सशक्त है। पहले भी आप सशक्त किरदार निभाती आई हैं…
मुझे सशक्त किरदार निभाने में ही मजा आता है। मुझे रोने-धोने वाले किरदार बिल्कुल पसंद नहीं आते। मुझे लगता है कि जिंदगी में रोने से कुछ हासिल नहीं होता। मैं उस मिजाज के किरदारों से थोड़ा दूर ही रही हूं। सशक्त महिलाओं के किरदार निभाने में मैं सहज महसूस करती हूं।
फिल्म में जॉन डेविड वॉशिंगटन आपके को-स्टार हैं। उनके साथ कैसा अनुभव रहा?
जॉन खाने के बहुत शौकीन हैं। हमारे घर के खाने की खासियत है मच्छी फ्राई। मैं उसे बनवाकर उनके लिए लेकर गई थी। उन्होंने उसे बहुत शौक से खाया। बहुत खुश हुए। (हंसते हुए) मुझसे कहा कि कल वापस फिर ले आइएगा। हमारी बॉडिंग बहुत अच्छी रही। उन्होंने मुझे बहुत कंफर्टेबल महसूस कराया। मैंने उनकी फिल्में नहीं देखी हैं, लेकिन सुना बहुत था कि वे बहुत अच्छे एक्टर हैं। मेरा पूरी यूनिट के लोगों के साथ अच्छा कनेक्शन रहा।
आपने हॉलीवुड और बॉलीवुड के काम करने के तरीकों में फर्क पाया?
मुझे कुछ अलग नहीं लगा। हमारे यहां भी उतनी ही तेजी और तैयारी के साथ काम होता है। पहले सेट पर सीन लिखा जाता था, अब हमारे यहां भी स्क्रिप्ट मिल जाती है। जितना वे फोकस हैं, उतने ही हम भी हैं। अब तो हम लोग बहुत आगे आ गए हैं।
यह फिल्म पीछे के समय में ले जाती है। अगर आपको मौका मिले तो अतीत की किस चीज को बदलना चाहेंगी?
(हंसते हुए) पहले तो अपनी ब्रेन सर्जरी करवा लूंगी ताकि हमेशा पॉजिटिव रहूं, बाकी ईश्वर की बहुत मेहरबानी रही है।
अगली फिल्म हॉलीवुड होगी या हिंदी सिनेमा का कोई प्रोजेक्ट करेंगी?
पहले बॉलीवुड में तो थोड़ा काम कर लें। अगर हॉलीवुड में काम मिल जाए तो ऊपरवाले की मेहरबानी है, मगर हां, अभी पांच-छह साल और काम करने का दिल है। अच्छा काम करने का!
आपने इंटरनेट मीडिया से दूरी बना रखी है। फैन से डायरेक्ट कनेक्ट नहीं करना चाहा?
कुछ है ही नहीं डायरेक्ट कनेक्ट करने के लिए। मेरा मानना है कि अपने आपको इतना सीरियसली क्यों लेना। मैं निजी जिंदगी की बातें साझा करना पसंद नहीं करती। मैं अपनी प्राइवेसी में क्यों किसी को आने दूं!