21 November, 2024 (Thursday)

मंदिर परिसर और आसपास के इलाके की भव्यता पर हुआ मंथन, डाटा सुरक्षा के लिए बनेगा साफ्टवेयर

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व मंदिर निर्माण समिति की संयुक्त बैठक के दूसरे दिन श्रीराममंदिर परिसर व आसपास के इलाके की भव्यता पर मंथन किया गया। ली एसोसिएट्स के अधिकारियों व इंजीनियरों ने मंदिर समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र व ट्रस्टियों के समक्ष अयोध्या के विकास के लिए बनाए गए विजन डॉक्यमेंट का प्रजेंटेशन दिया। बैठक में रामजन्मभूमि परिसर के विस्तार को लेकर भी चर्चा हुई। सोमवार को दो सत्रों में बैठक हुई। सुबह 10 बजे से हुई बैठक में नृपेंद्र मिश्र ने ट्रस्ट के इंजीनियरों के साथ मंदिर निर्माण की भावी योजनाओं पर चर्चा की। दूसरे सत्र की बैठक में अयोध्या के विकास का विजन डॉक्यूमेंट बना रही कंपनी ली एसोसिएट्स ने मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र व ट्रस्टियों के समक्ष विजन डॉक्यूमेंट का पूरा खाका प्रस्तुत किया।

बताया गया कि अयोध्या का विकास उसकी गरिमा के अनुकूल किया जाएगा। अयोध्या में प्रवेश करते ही त्रेतायुग का अहसास हो, ऐसी योजना पर काम किया जा रहा है। अयोध्या में भव्य प्रवेश द्वार, संग्रहालय आदि बनाए जाऐंगे। रामजन्मभूमि की ओर जाने वाली सड़कों के चौड़ीकरण व भक्तों की सुविधाओं को लेकर भी की गई तैयारी का खाका प्रस्तुत किया गया।

साथ ही परिसर के बाहर की भव्यता पर चर्चा हुई। सीवर लाइन, विद्युत, प्रकाश व्यवस्था, जनसुविधाओं का ब्लूप्रिंट प्रस्तुत किया गया। बैठक में रामजन्मभूमि परिसर के विस्तार को लेकर चर्चा हुई। मंदिर परिसर को 70 एकड़ से विस्तारित कर 108 एकड़ करने की योजना पर काम हो रही है। वास्तु दोष की दिशा मेें बाधक बन रहे मंदिरों व जमीनों को ट्रस्ट आपसी सहमति व संवाद के आधार पर खरीद रहा है। बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र, बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल, आफिसियो ट्रस्टी व जिलाधिकारी अनुज कुमार झा, विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह सहित ली एसोसिएट्स, आवास विकास के अधिकारी व तकनीकी विशेषज्ञ मौजूद रहे।

ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने मीडिया से बनाई दूरी
ट्रस्ट के ऊपर जमीन खरीदने के मामले में लगे घोटाले के आरोप की धमक ट्रस्ट की बैठक में भी नजर आई। बैठक समाप्त होने के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सहित अन्य पदाधिकारी मीडिया से दूरी बनाते दिखे। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय व अन्य पदाधिकारियों ने न तो मामले में अपना पक्ष रखा और न ही बैठक में मंदिर निर्माण को लेकर हुई चर्चा व भावी योजनाओं के बारे में कुछ बताया।

डाटा सुरक्षा को लेकर ट्रस्ट गंभीर, बनेगा साफ्टवेयर
ट्रस्ट की बैठक में ट्रस्ट के ट्रेडमार्क के पंजीकरण, सामग्री कॉपीराइट व नकली वेबसाइट की पहचान के लिए सॉफ्टवेयर बनाने का निर्णय लिया गया है। ट्रस्ट की फर्जी वेबसाइट बनाने का मामला पहले प्रकाश में आ चुका है, इसलिए ट्रस्ट डाटा सुरक्षा को लेकर गंभीर है। बैठक में डाटा सुरक्षा, वेबसाइट और अन्य आईटी से संबंधित सुविधाओं की स्वतंत्र लेखा परीक्षा कराने पर भी विचार हुआ। साथ ट्रस्ट के फंड प्रबंधन को लेकर भी व्यापक विचार विमर्श किया गया है। एफडी व सरकारी निवेश को लेकर भी मंत्रणा की गई।

 

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