23 November, 2024 (Saturday)

सुप्रीम कोर्ट ने महिला से कहा- पति सीमा पर था और आप दूसरे के साथ होटलों में गईं, जानें क्‍या है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महिला की उस याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया जिसमें उसने अपने साथ दुष्कर्म करने के आरोपित की जमानत खारिज करने की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह सहमति से संबंध बनाने का मामला लगता है जिसमें वह उसके साथ होटलों में गई और केंद्रीय सुरक्षा बल के सीमा पर तैनात अपने पति के भेजे हुए वेतन को खर्च किया।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने आरोपित को जमानत प्रदान करने के राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया। पीठ ने कहा, ‘आपने (महिला) अपने बच्चों को घर पर छोड़ा और उसके (आरोपित) के साथ होटलों में गईं। आपने आरोपित के साथ रहने के लिए नजदीकी कस्बे में अलग कमरा भी किराये पर लिया। इस तरह आप भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) में कार्यरत अपने पति के पैसे को खर्च कर रही थीं। सीमा पर तैनात उस बेचारे को पता भी नहीं था कि उसकी पत्नी घर पर क्या कर रही थी।’

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि आरोप पत्र को देखने से ऐसा लगात है कि यह सहमति से बने संबंध का मामला था। ऐसे में शीर्ष अदालत उच्च न्यायालय के आदेश में कोई दखल नहीं देखी। महिला की ओर से पेश वकील की ओर से दलील दी गई कि आरोपी ने पीड़िता को परेशान किया। आरोपी ने महिला के साथ कई बार दुष्‍कर्म किया। यही नहीं आरोपी ने पैसे के लिए महिला को ब्लैकमेल भी किया।

वरिष्ठ अधिवक्ता’ पदनाम के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मांगे आवेदन

हाई कोर्टों के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीशों एवं न्यायाधीशों, एडवोकेट आन रिकार्ड एवं अधिवक्ताओं से सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइंस के मुताबिक शुक्रवार को ‘वरिष्ठ अधिवक्ता’ का पदनाम प्रदान करने के लिए आवेदन आमंत्रित किए। प्रधान न्यायाधीश को संबोधित ये आवेदन निर्धारित प्रारूप में 21 मार्च, 2022 को शाम 4.30 बजे तक दाखिल करने हैं। नोटिस के मुताबिक जिनके आवेदनों को पूर्व में खारिज किया जा चुका है, वे भी नए सिरे से आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा यह नोटिस जारी होने से पहले आवेदन करने वालों को भी नए सिरे से आवेदन करना होगा।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *