दिल्ली बॉर्डर पर सख्त बैरिकेडिंग को BSP चीफ मायावती ने बताया अनुचित, बोलीं- किसानों के बजाए आतंकियों को ऐसे रोकें
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने दिल्ली पुलिस के द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए बॉर्डर पर कंटीले तारों और कीलों आदि वाली जबर्दस्त बैरिकेडिंग को अनुचित बताया है। उन्होंने कहा है कि इनकी बजाए यदि आतंकियों आदि को रोकने के लिए ऐसी कार्रवाई देश की सीमाओं पर हो तो यह बेहतर होगा। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि किसानों की मांग पूरी करके स्थिति सामान्य करे।
बसपा प्रमुख मायावती ने बुधवार को दिल्ली की सीमाओं पर पुलिस की सख्त बैरिकेडिंग को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘तीनों कृषि कानूनों की वापसी की वाजिब मांग को लेकर खासकर दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलित किसानों के प्रति सरकारी रवैये के कारण संसद के बजट सत्र में भी जरूरी कामकाज और जनहित के खास मुद्दे पहले दिन से ही काफी प्रभावित हो रहे हैं। केंद्र किसानों की मांग पूरी करके स्थिति सामान्य करे।’
बसपा प्रमुख मायावती ने अपने अगले ट्वीट में आगे लिखा कि ‘लाखों आंदोलित किसान परिवारों में दहशत फैलाने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर जो कंटीले तारों और कीलों आदि वाली जबर्दस्त बैरिकेडिंग की गई है वह उचित नहीं है। इनकी बजाए यदि आतंकियों आदि को रोकने हेतु ऐसी कार्रवाई देश की सीमाओं पर हो तो यह बेहतर होगा।’
बता दें कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली में उपद्रव से सबक लेते हुए पुलिस प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। टीकरी व सिंघु समेत दूसरे राज्यों को जोड़ने वाले दिल्ली के बॉर्डर पर कहीं चौड़े गड्ढे खोदे गए हैं तो कहीं सड़क पर नुकीली कीलें का तार लगाए गए हैं। जगह-जगह सीमेंट के बैरिकेड भी लगाए गए हैं। पुलिस की पूरी कोशिश है कि दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारी किसी भी हाल में दिल्ली में नहीं घुस सकें।
किसानों के खिलाफ 39 मामले दर्ज : कृषि कानून विरोधी किसानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने पिछले साल सितंबर से दिसंबर के बीच 39 मामले दर्ज किए हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार दिल्ली पुलिस ने विरोध के दौरान एक आत्महत्या का मामला भी दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर यह भी बताया गया कि दिल्ली की सीमा पर ट्रैक्टर ट्रॉलियों में प्रदर्शनकारी किसानों के बड़े काफिले ने उग्र तरीके से आगे बढ़ने की कोशिश की और पुलिस बैरिकेडिंग पर जबरन चढ़ गए। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सरकारी कर्मचारियों को अपने कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए धींगामुश्ती की गई जिससे कई पुलिस कर्मियों को चोटें आईं।