23 November, 2024 (Saturday)

टीकमगढ़ की पानी और पलायन समस्या के स्थाई समाधान के लिए राज्य शासन प्रतिबद्ध-शिवराज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि टीकमगढ़ जिले की पानी और पलायन समस्या के स्थाई समाधान के लिए राज्य शासन प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज सुबह अपने निवास कार्यालय से टीकमगढ़ जिले की विकास गतिविधियों, जनकल्याणकारी योजनाओं और कानून व्यवस्था की स्थिति की वर्चुअली समीक्षा करते हुए कहा कि बिजली की बचत के लिए प्रदेशवासियों का जागरूक और सक्रिय होना आवश्यक है। राज्य सरकार बिजली की सब्सिडी के लिए 22 हजार 500 करोड़ रूपए दे रही है। यदि जनता जागरूक हो और बिजली बचाने में सहयोग करें तो लगभग 5 हजार करोड़ रूपये बचाए जा सकते हैं। इससे पर्यावरण सुधारने में भी मदद मिलेगी। प्रदेश में सघन रूप से ऊर्जा साक्षरता अभियान का संचालन आवश्यक है।

श्री चौहान ने कहा कि टीकमगढ़ में पानी और पलायन मुख्य समस्या है। इसके लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक योजनाएँ बनाकर समस्याओं का स्थाई समाधान करने के लिए राज्य शासन प्रतिबद्ध है। अमृत सरोवर, जलाभिषेक अभियान की गतिविधियों के क्रियान्वयन से भू-जल स्तर बढ़ाकर पानी की समस्या का स्थाई समाधान किया जा सकता है। आजीविका मिशन में महिला स्व-सहायता समूह को सक्रिय करते हुए उन्हें स्व-रोजगार से जोड़ना, पलायन पर नियंत्रण में प्रभावी सिद्ध होगा।

उन्हाेंने जिले में हुए नवाचार, पेयजल आपूर्ति की स्थिति, राशन वितरण, प्रधानमंत्री आवास योजना, आँगनवाड़ियों के संचालन, अमृत सरोवर योजना और कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने अपराधियों और माफियाओं से मुक्त कराई गई भूमि, एक जिला-एक उत्पाद में जारी गतिविधियों, महिला स्व-सहायता समूह को प्रोत्साहित करने के लिए संचालित कार्यों, लाड़ली लक्ष्मी के मार्गदर्शन एवं कॅरियर कॉउंसलिंग के लिए स्थापित व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की।

इस मौके परर श्री चौहान ने ‘एक जिला-एक उत्पाद’ में “फूडीज़” के नाम से ब्रांडिंग किए जा रहे टीकमगढ़ के अदरक की मार्केटिंग राष्ट्रीय स्तर पर करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इसके लिए देश के प्रमुख उद्यमियों और उद्योगपतियों से संपर्क किया जाए। उन्होंने कहा कि टीकमगढ़ के पीतल शिल्प की श्रेष्ठता और गुणवत्ता का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर किया जाए। उन्होंने टीकमगढ़ में गौ-वंश के बेहतर प्रबंधन के लिए 41 गौ-शालाओं को 6 हजार क्विंटल चारा दान के लिए शुरू किए गए नवाचार की सराहना की और जिले में कुपोषित बच्चों की स्थिति में सुधार के लिए आँगनवाड़ियों के संचालन में जन-सहयोग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि टीकमगढ़ का गौरव दिवस एक अक्टूबर को मनाया जाएगा।

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिले में पेयजल आपूर्ति से संबंधित तकनीकी अमला तुरंत उपलब्ध करा जाए। नल-जल योजना में लगने वाले पाइप और नलों की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाए। पाइप लाइन डालने के लिए खोदी गई सड़कों को भरने के बाद ही ठेकेदारों को भुगतान किया जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना में शहरी आवास के कार्यो को निर्धारित समय-सीमा में पूरा किया जाए। जिले की सभी लाड़ली लक्ष्मियों से बेहतर संपर्क और संवाद बनाए रखा जाए अैर समय पर मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाए। गाँवों की पानी की समस्या को जल संरचनाएँ बना कर और अमृत सरोवर से संबंधित गतिविधियों के माध्यम से दूर किया जाए।

बैठक में बताया गया कि नगरीय क्षेत्र में कुछ स्थानों पर एक दिन छोड़कर और कुछ स्थानों पर दो दिन छोड़ कर पानी दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल संबंधी आवश्यक व्यवस्थाएँ की गई हैं। मुख्यमंत्री आवासीय योजना की शुरुआत टीकमगढ़ जिले के मोहनगढ़ से की थी। योजना में 10 हजार से अधिक पात्र उम्मीदवार हैं। जिले के 498 ग्रामों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। आजीविका मिशन में 4046 समूह गठित कर 40 हजार 128 परिवारों को जोड़ा गया है। जिले में 3 हजार 573 लखपति समूह है। महिला स्व-सहायता समूह को गणवेश बनाने, गेहूँ उपार्जन, सब्जी उत्पादन, बकरी पालन, औषधीय खेती जैसी गतिविधियों से जोड़ा गया है। इसीतरह महिला स्व-सहायता समूह को इस वर्ष 30 करोड़ रूपये का बैंक लिंकेज उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।

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