रूस के खिलाफ इस मामले में अकेला पड़ सकता है अमेरिका, सहयोगियों का नहीं मिल रहा पूरा साथ!
समाचार एजेंसी रॉयटर के अनुसार, अमेरिका अपने यूरोपीय सहयोगियों की भागीदारी के बिना ही रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगा सकता है। एजेंसी ने मामले से परिचित दो लोगों के हवाले से यह रिपोर्ट किया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को फ्रांस, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम के नेताओं के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस कॉल की क्योंकि अमेरिका रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध के लिए उनका समर्थन चाहता है।
व्हाइट हाउस अमेरिकी कांग्रेस के नेताओं के साथ भी बातचीत कर रहा है, जो फास्ट-ट्रैकिंग कानून पर काम कर रहे हैं, जो रूसी आयात पर प्रतिबंध लगाएगा। एक सूत्र ने रॉयटर्स को नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी है। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर भी रॉयटर को बताया कि कोई अंतिम निर्णय नहीं किया गया है, लेकिन ऐसा होने की संभावना कि सिर्फ अमेरिका ही रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगा सकता है।
रूस के कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदार जर्मनी ने ऊर्जा आयात पर प्रतिबंध लगाने की योजना को खारिज कर दिया है। जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने सोमवार को कहा कि जर्मनी वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के अपने उपयोग का विस्तार करने की योजना में तेजी ला रहा है, लेकिन रातों-रात रूसी ऊर्जा के आयात को रोक नहीं सकता है।
वैश्विक बाजारों में ईरानी कच्चे तेल की संभावित वापसी में देरी के कारण तेल की कीमतें 2008 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूरोपीय सहयोगी रूसी आयात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं।
यूरोप कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के लिए रूस पर निर्भर है लेकिन रूसी उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के विचार के लिए तैयार है। अमेरिका रूसी कच्चे तेल और उत्पादों पर बहुत कम निर्भर है लेकिन प्रतिबंध से कीमतों के बढ़ने की आशंका है जबकि अमेरिकी उपभोक्ताओं को पहले से ही गैस की बढ़ी कीमतों का सामना कर रहे हैं।