23 April, 2025 (Wednesday)

रेवती नक्षत्र में जन्मे लोग होते हैं कुशाग्र, जानें कैसा होता है इनका व्यवहार?

आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से रेवती नक्षत्र को अंतिम यानि 27वां नक्षत्र माना जाता है। रेवती नक्षत्र शुभ नक्षत्रों की श्रेणी में आता है। ये नक्षत्र 32 तारों का एक समूह है, जिसका अर्थ है- धनवान या धनी। अतः इस नक्षत्र को धन संपदा की प्राप्ति और सुखी जीवन के साथ जोड़कर देखा जाता है। इस नक्षत्र के जातक तेजस्वी, सुंदर, चतुर और विद्वान होते हैं| इस नक्षत्र के दौरान विद्या का आरंभ, सम्मान प्राप्ति, गृह प्रवेश, विवाह आदि कार्य संपन्न किये जा सकते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार पानी में तैरती हुई मछली को रेवती नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना जाता है, जबकि इसकी राशि मीन है। साथ ही बता दूं कि इस नक्षत्र के स्वामी बुध हैं। बुध बुद्धि का कारक होने के साथ ही वाणी से भी संबंध रखते हैं। इसके अलावा आपको बता दूं कि रेवती नक्षत्र का संबंध महुआ से है।

महुआ के पेड़ की करें पूजा 

लिहाजा जिन लोगों का जन्म रेवती नक्षत्र में हुआ हो, उन लोगों को आज के दिन महुआ के पेड़ को नमस्कार करना चाहिए| साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि- आज रेवती नक्षत्र के दौरान महुआ के पेड़, उसकी टहनियों तथा उसके पत्तों को नहीं तोडना चाहिए और न ही उससे बनी किसी भी वास्तु को उपयोग में लाना चाहिए। आज ऐसा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी| घर परिवार में सुख-शांति का माहौल बना रहेगा|

कुशाग्र बुद्धि के होते हैं इस नक्षत्र में जन्मे लोग

जो जातक रेवती नक्षत्र के प्रथम चरण में पैदा हुआ होता है वो ज्ञानी होता है। लोग इस नक्षत्र में जन्में होते हैं वो बाहरी दुनिया के लिए जिद्दी और कठोर होते हैं। इनकी ईश्वर में पूर्ण आस्था होती है। इनके जीवन में कई अड़चनें आती हैं लेकिन ये जातक उनका सामना कर उन्हें पार कर लेते हैं। ये जातक कुशाग्र बुद्धि के होते हैं जिसके चलते ये किसी भी प्रकार के कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में सफल होते हैं। इन जातकों को सरकारी नौकरी, बैंक, शिक्षा, लेखन, व्यापार, ज्योतिष एवं कला के क्षेत्र में कार्य करते देखा गया है|

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