पटना के इस मंदिर में जानें से भक्तों की मुरादें होती हैं पूरी, हनुमान जी की कृपा से तुरंत दिखाई देते हैं चमत्कार, ऐसी है मान्यताएं
आज हम आपको कराने जा रहे हैं देश के प्राचीन मंदिरों में से एक हनुमान जी के एक प्रसिद्ध मंदिर के दर्शन। ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर हनुमानगढ़ी के बाद दूसरा ऐसा हनुमान जी का मंदिर है जहां भक्तों की सबसे अधिक भीड़ देखने को मिलती है। यहां हर दिन बड़ी संख्या में भक्तों तांता लगा रहता है। लेकिन हर मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों की खासी भीड़ देखी जाती है। इसके अलावा हर त्योहार पर भी यहां हजारों लोग दर्शन कर अपने संकटों के निवारण की प्रार्थना करते हैं।
पटना का महावीर मंदिर किसने बनाया?
यह मंदिर बिहार की राजधानी पटना रेलवे स्टेशन के ठीक सामने बना महावीर मंदिर है। ये मंदिर अति सिद्ध बताया जाता है। हर वर्ष लाखों यात्री इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। यहां स्थापित सकंटमोचन की प्रतिमा भक्तों के दिल में विशेष स्थान रखती है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां बजरंगबली की दो मूर्तियां एक साथ हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर को मूल रूप से स्वामी बालानंद द्वारा स्थापित किया गया था जोकि रामानंदी संप्रदाय के थे।
पटना का महावीर मंदिर क्यों है इतना खास?
एक दौर था, जब महावीर मंदिर न तो इतना प्रसिद्ध था और ना ही इतना भव्य। लेकिन अब इस मंदिर की बनावट और चकाचौंध लोगों को यहां आने पर मजबूर कर देती है। सिर्फ पटना ही नहीं, इस मंदिर में देश के कोने कोने से लोग यहां दर्शन करने के लिए आते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में दर्शन मात्र से भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है। यही वजह है कि यहां भक्तों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ऐसी भी मान्यता है कि इस मंदिर से मिलने वाले प्रसाद को खाने से हर तरह की बीमारी ठीक हो जाती है।
क्या है मंदिर का प्रवेश शुल्क और समय?
पटना का महावीर सप्ताह में सभी दिन सुबह 05:30 बजे से लेकर रात 10:30 बजे तक खुला रहता है। आपको बता दें कि यहां पर कोई प्रवेश शुल्क नहीं लगता है।
पटना महावीर मंदिर कैसे पहुंचे?
- सड़क मार्ग से – आप शहर के किसी भी हिस्से से महावीर मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर आपको ऑटो, बस जैसे वाहनों के लिए बेहतरीन सुविधाएं हैं।
- रेल के द्वारा – यह मंदिर बिहार की राजधानी पटना रेलवे स्टेशन के ठीक सामने स्थित है। ऐसे में आप बिना किसी कठिनाई के यहां पहुंचा सकते हैं।
- हवाई जहाज से – यह मंदिर हवाई अड्डे से सिर्फ 6 किमी की दूरी पर है। यहां आने के बाद आप कैब या ऑटो बुक करके मंदिर तक पहुंच सकते हैं।