25 November, 2024 (Monday)

शनि की साढ़े साती या ढैय्या से हैं परेशान? शनिवार को कर लें इनमें से कोई भी 1 उपाय, मिलेगा लाभ

आषाढ़ कृष्ण पक्ष की उदया तिथि चतुर्दशी और शनिवार का दिन है। चतुर्दशी तिथि 17 जून को सुबह 9 बजकर 11 मिनट तक रहेगी, उसके बाद अमावस्या तिथि लग जाएगी। 17  जून को श्राद्ध आदि की अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन शनिश्चरी अमावस्या भी मनाई जाएगी। शास्त्रों में आषाढ़ कृष्ण पक्ष की अमावस्या का भी बहुत महत्त्व बताया गया है। इसके अलावा 17 जून को रात 10 बजकर 56 मिनट पर शनि कुंभ राशि में वक्री हो जाएंगे यानि उल्टे गति से गोचर करने लगेंगे।  इसके बाद 4 नवंबर की दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर कुंभ राशि में ही मार्गी हो जाएंगे यानि सीधी गति से गोचर करने लगेंगे।

अगर शनिदेव किसी से खुश होते हैं, तो उसके ऊपर अपनी सारी कृपा बरसाते हैं, और अगर कोई गलत काम करता है, तो उसे बिल्कुल भी नहीं छोड़ते। ऐसे में शनिवार के दिन कुछ खास उपाय करके आप शनिदेव को  प्रसन्न कर सकते हैं। आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं इन खास उपायों के बारे में।

  1. अगर आप अपने कारोबार में वृद्धि सुनिश्चित करना चाहते हैं तो इस दिन स्नान आदि के बाद 11 तुलसी के पत्ते लें।  अब उन तुलसी के पत्तों को अच्छे से धोकर, साफ कपड़े से पोंछ लें। इसके बाद एक कटोरी में थोड़ी-सी हल्दी लेकर पानी की सहायता से उसका घोल बना लें। अब उन तुलसी के पत्तों पर हल्दी से ‘श्री’ लिखकर भगवान को अर्पित करें। साथ ही भगवान से अपने कारोबार में वृद्धि के लिए प्रार्थना करें। ऐसा करने से आपके कारोबार की वृद्धि सुनिश्चित होगी।
  2. अगर आप अपने घर-परिवार में अन्न-धन की बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो इस दिन आप 900 ग्राम चने की दाल लें और उसे सत्यनारायण भगवान के चरणों में स्पर्श कराइये। इसके बाद उस चने की दाल को किसी सुपात्र ब्राह्मण को दान कर दें। ऐसा करने से आपके घर-परिवार में अन्न-धन की बढ़ोतरी होगी।
  3. अगर आप अपनी सेहत को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं तो अपनी अच्छी सेहत के लिए इस दिन आपको प्रसाद के लिए थोड़ा-सा आटा लेना चाहिए और उसे कढ़ाई में डालकर घी में भूनना चाहिए। साथ ही उसमें थोड़ी-सी शक्कर भी डालनी चाहिए। इस प्रकार आपका प्रसाद तैयार हो जाएगा। अब आप उस तैयार प्रसाद में कुछ केले के टुकड़े डाल्म और उसका भगवान को भोग लगाइए। भोग लगाने के बाद बाकी बचे हुए प्रसाद को अपने परिवार के सदस्यों में और बाहर छोटे बच्चों में बांट दें। ऐसा करने से आपकी सेहत बेहतर बनी रहेगी।
  4. अगर आप अपने साथ हमेशा परिवार का सहयोग बनाए रखना चाहते हैं तो इस दिन आपको स्नान आदि के बाद तुलसी के पौधे में पानी डालना चाहिए और सत्यनारायण भगवान का ध्यान करना चाहिए। इसके बाद तुलसी की जड़ के पास से थोड़ी-सी गिली मिट्टी लेकर, उससे परिवार के सब सदस्यों को तिलक लगाएं और साथ ही स्वयं भी माथे पर तिलक लगाएं।  ऐसा करने से परिवार का सहयोग आपके साथ हमेशा बना रहेगा।
  5. अगर आपका कोई ऐसा काम है, जिसे आप जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं तो उसे पूरा करने के लिए इस दिन आपको स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनकर लक्ष्मी-नारायण के मंदिर में जाना चाहिए और भगवान को कटे हुए गोले के टुकड़े और मिश्री का प्रसाद अर्पित करना चाहिए। साथ ही अपने काम के जल्द से जल्द पूरा होने की प्रार्थना करनी चाहिए। ऐसा करने से आपका जो भी काम है, वो जल्द ही पूरा हो जाएगा।
  6. अगर आप अपने घर की सुख-समृद्धि बनाए रखना चाहते हैं तो इस दिन आपको स्नान आदि के बाद थोड़ी-सी रोली लेनी चाहिए और उसमें दो-चार बूंद घी डालना चाहिए। अब घी और रोली को अच्छे से मिला लें। इसके बाद इस रोली से अपने घर के मन्दिर के बायीं और दायीं दोनों तरफ स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। ऐसा करने से आपके घर की सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
  7. अगर भाई-बहनों के साथ आपके रिश्ते कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं तो उनके साथ रिश्तों में मीठास घोलने के लिए इस दिन आपको दूध, चावल की खीर बनानी चाहिए और उसमें एक-दो तुलसी की पत्ती डालनी चाहिए। यहां ध्यान रखियेगा कि तुलसी की पत्ती को साबुत ही खीर में डालना है न कि तोड़कर। अब इस खीर का सत्यनारायण भगवान को भोग लगाएं और भोग लगाने के 10 मिनट बाद उस खीर को प्रसाद के रूप में अपने भाई-बहनों को खिला दें और थोड़ा प्रसाद खुद भी खा लें।  ऐसा करने से भाई-बहनों के साथ आपके रिश्ते ठीक होंगे और रिश्तों में मीठास घुलेगी।
  8. अगर आप अपने जीवनसाथी के साथ प्यार बरकरार रखना चाहते हैं तो इस दिन स्नान आदि के बाद सत्यनारायण भगवान को चन्दन का तिलक लगाएं। साथ ही देवी लक्ष्मी को लाल चुनरी चढ़ाएं। ऐसा करने से जीवनसाथी के साथ आपका प्यार बरकरार रहेगा।
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