प्रियंका वाड्रा ने बनाया यूपी के हर गांव तक संगठन को पहुंचाने का खाका, प्रवासी परखेंगे जमीनी हकीकत
सत्ता चाहिए तो भारतीय जनता पार्टी से संघर्ष लाजिमी है, लेकिन उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में चुनौतियां इससे कहीं ज्यादा हैं। वर्ष 2022 के निकट आते ही प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की बढ़ी सक्रियता और आम आदमी पार्टी की आहट ने कांग्रेस को पहले से ज्यादा सतर्क कर दिया है। संगठन का मजबूत मोर्चा सजाने की कमान खुद राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा संभाले हैं, जिन्होंने हर एक गांव तक संगठन को पहुंचाने का खाका तैयार किया है। अब रणनीति में जिलों में प्रवास कार्यक्रम को भी शामिल किया गया है ताकि पार्टी पदाधिकारी जमीनी हकीकत को परख सकें।
प्रियंका वाड्रा के रूप में नए नेतृत्व के साथ उत्तर प्रदेश में सत्ता हासिल करने का पुराना सपना लेकर कांग्रेस उतरी है। प्रदेश अध्यक्ष का जिम्मा भी एक जमीनी कार्यकर्ता अजय कुमार लल्लू को सौंपा। निस्संदेह चेहरों के साथ कांग्रेस ने अपनी चाल भी बदली है। सड़कों पर मजबूती से संघर्ष किया, लेकिन विधानसभा उपचुनाव और फिर विधान परिषद चुनाव के परिणामों ने चुगली कर दी कि संगठन अभी भी पार्टी के रणनीतिकारों के मुताबिक तैयार नहीं हो सका।
इधर, किसान आंदोलन के लिए पहला पैर कांग्रेस ने बढ़ाया, लेकिन अपने तेवरों से श्रेय लेती सपा नजर आई। इसी बीच आम आदमी पार्टी ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। यह देख कांग्रेस ने दो अक्टूबर से शुरू हुए संगठन सृजन अभियान के दूसरे चरण में नई रणनीति को शामिल किया है।
प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू लगभग 20 दिनों से लगातार प्रदेश के दौरे पर हैं, जिसमें वे 16 जिलों की न्याय पंचायत स्तर की बैठकों में रहे। ब्लॉक कमेटी और न्याय पंचायत कमेटियों के गठन में शामिल रहे हैं। प्रदेश में 2300 न्याय पंचायतों का गठन हो चुका है। जल्द ही 8000 हजार न्याय पंचायतों में कांग्रेस अपनी 21 सदस्यों की समितियों का गठन पूरा कर लेगी।
15 दिवसीय प्रवास की योजना : प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया कि संगठन में तेजी लाने के लिए कांग्रेस आगामी दिनों में हर जिले में 15 दिवसीय प्रवास की योजना बना रही है, जिसमें पार्टी के पदाधिकारी निश्चित जिले में रहकर संगठन निर्माण की प्रकिया को अंतिम रूप देंगे। पार्टी का लक्ष्य है कि प्रदेश की 60 हजार ग्राम सभाओं में ग्राम कांग्रेस कमेटियों का गठन जल्द पूरा किया जाए।
हर पदाधिकारी की होगी जिम्मेदारी : प्रदेश कांग्रेस कमेटी में पदाधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही कर दी गई है। हर पदाधिकारी को निश्चित प्रभार दिया गया है। इसी तर्ज पर जिला कमेटियां बनी हैं और हर पदाधिकारी की जवाबदेही तय की गई। हर जिले में पांच उपाध्यक्ष, एक कोषाध्यक्ष, एक प्रवक्ता और हर विधानसभा के स्तर पर महासचिव, जबकि जिला सचिवों को ब्लॉक बांटे गए हैं।