पोस्टल बैलेट विवाद:अग्रिम पोस्ट के सैनिकों ने नहीं दिया जवाब
उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव से जुड़े सेना के कथित पोस्टल बैलेट विवाद का अभी अंत नहीं हुआ है। कुमाऊं रेजीमेंट के जवान जम्मू कश्मीर की अग्रिम पोस्ट पर तैनात होने के चलते पुलिस को अभी उनका पक्ष नहीं मिल पाया है।
विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक विवादित वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में पोस्टल बैलेट के नाम पर एक सैनिक बार बार मतदान करते हुए दिखायी दे रहा है। वीडियो के वायरल होने से राजनीतिक जगत में हड़कंप मच गया था। कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भी इस पर गंभीर सवाल उठाये थे।
कांग्रेस के डीडीहाट विधानसभा सीट से प्रत्याशी प्रदीपपाल की ओर से 22 फरवरी को इस मामले में निर्वाचन आयोग व पिथौरागढ़ पुलिस से मिलकर शिकायत की गयी थी। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष श्रीवास्तव की ओर से तत्काल इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दे दिये थे। इसके बाद डीडीहाट थाना में अज्ञात लोगों के खिलाफ इस मामले में अभियोग पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी गयी।
पुलिस को जांच में महत्वपूर्ण तथ्य हाथ लगे और वीडियो में दिखायी दे रहे सैनिकों की पहचान कर ली गयी। चार सैनिकों को पूछताछ के लिये सम्मन भेजा गया। पुलिस के अनुसार वीडियो सेना के कुमाऊं रेजीमेंट से जुड़ा है और यह रेजीमेंट जम्मू में तैनात है। यह भी तथ्य सामने आया है कि वीडियो पिथौरागढ़ जनपद की डीडीहाट विधानसभा से जुड़ा हुआ है और जम्मू में फिल्माया गया है।
जिन सैनिकों के नाम आ रहे हैं उनकी पहचान कर ली गयी है। पुलिस की ओर से चारों सैनिकों को पूछताछ के लिये सम्मन भेजा गया। साथ ही एक सप्ताह के अंदर जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा गया लेकिन वे जांच अधिकारी के पास नहीं आये। इसके बाद पुलिस ने दूसरा नोटिस जारी किया।
पिथौरागढ़ के पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने बताया कि सैनिक इसके बावजूद जांच अधिकारी के समक्ष पेश नहीं हुए। उन्होंने आगे बताया कि सैनिक जम्मू कश्मीर के अग्रिम पोस्ट पर तैनात हैं। कुमाऊं रेजीमेंट के कर्नल की ओर से इस बारे में एक पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें कहा गया है कि सैनिक जम्मू कश्मीर की अग्रिम पोस्ट पर तैनात हैं। इसलिये वह अभी अपना पक्ष नहीं रख सकते हैं।