23 November, 2024 (Saturday)

पारसनाथ पर्वत पर वन अभ्यारण्य पर पुन: विचार करने का आश्वासन दिया भूपेंद्र यादव ने

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने झारखंड के गिरिडीह में पारसनाथ पर्वत पर श्री सम्मेद शिखर तीर्थ के आस पास वन अभ्यारण्य बनाने की अधिसूचना पर पुन: विचार करने का आश्वासन दिया है।

जैन समाज की संस्था अहिंसा स्थल मंडल के एक प्रतिनिधिमंडल ने श्री यादव से मुलाकात कर पारसनाथ पर्वत को वन अभ्यारण्य घोषित नहीं करने की मांग की और इस संबंध में उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष गजेन्द्र यादव ने किया । प्रतिनिधि मंडल में अवनीश जैन, डॉ प्रवीण जैन, अनिल जैन, अभिषेक जैन, सोनेन्द्र जैन, डॉ पीयूष जैन सम्मिलित रहे। मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार काे यहां बताया कि श्री यादव ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को ध्यान पूर्वक सुना और इस प्रकरण में उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।

जैन धर्मावलंबियों की आस्था एवं श्रद्धा के केंद्र झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ी स्थित है। इसे श्री सम्मेद शिखर तीर्थ के नाम से जाना जाता है। जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकर इसी पर्वत पर निर्वाण को प्राप्त हुए है। ज्ञापन के अनुसार केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पांच अगस्त 2019 को जारी अधिसूचना में

पारसनाथ पर्वत को वन अभ्यारण्य घोषित करने का प्रस्ताव किया है।

प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि वन अभ्यारण्य बनने से तीर्थ की पवित्रता को खतरा होगा। इसलिए इसे वन अभ्यारण्य एवं पर्यटक क्षेत्र घोषित नहीं किया जाना चाहिए और इस तीर्थ की पवित्रता को बनाए रखी जानी चाहिए। श्री सम्मेद शिखर ऐसा तीर्थ है, जहां प्रत्येक जैन धर्मावलंबी जीवन में एक बार परिक्रमा एवं वंदना के लिए अवश्य जाना चाहता है। जैन धर्मावलंबी इस तीर्थ की यात्रा नंगे पैर और बिना अन्न जल ग्रहण किए करते हैं।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *