1989 से अब तक कोई चुनाव नहीं हारे डीके शिवकुमार, जन्मदिन के मौके पर जानें उनसे जुड़ी खास बातें
कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को प्रचंड जीत मिली है और बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस को इस चुनाव में जीत दिलाने में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने अहम रोल अदा किया है और उन्हें पूर्व सीएम सिद्धारमैया के मुकाबले सीएम पद की रेस में मुख्य चेहरा माना जा रहा है। साल 1962 में आज (15 मई) ही के दिन शिवकुमार का जन्म हुआ था। उनका पूरा नाम डोड्डालहल्ली केम्पेगौड़ा शिवकुमार है।
कांग्रेस के संकटमोचक
डीके शिवकुमार कर्नाटक में वोक्कालिगा जाति का बड़ा चेहरा हैं और राज्य के सबसे अमीर नेताओं में से एक हैं। वह आठ बार विधायक रहे हैं और उन्हें कांग्रेस अपने संकटमोचक के रूप में देखती है। प्रियंका गांधी भी उनके राजनीतिक प्रबंधन को काफी पसंद करती हैं। इस बार के भी चुनाव में शिवकुमार ने अपने राजनीतिक कौशल की वजह से कांग्रेस को चुनाव जितवाया, जिसकी वजह से कर्नाटक कांग्रेस में उनका कद ज्यादा ऊंचा हो गया है।
1989 से नहीं हारे कोई चुनाव, कनकपुरा में एक लाख से ज्यादा वोटों से जीते
इस विधानसभा चुनाव में भी डीके शिवकुमार ने अपना जादू चलाया है। उन्होंने कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र से अपने प्रतिद्वंदी प्रत्याशी को 1 लाख 22 हजार 392 वोटों से हराया। भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक, शिवकुमार को 1,43,023 वोट मिले, वहीं दूसरे नंबर पर जेडीएस कैंडीडेट बी नागराजू रहे, उन्हें महज 20,631 वोट मिले। ये किसी भी प्रत्याशी की एक बड़ी जीत है। शिवकुमार ने साल 1989 से अब तक कोई चुनाव नहीं हारा है। कनकपुरा सीट से ये उनकी लगातार चौथी जीत है, इससे पहले वह सथानूर सीट से 4 बार विधायक बने हैं। यानी इस बार वह 8वीं बार विधायक बने हैं।
27 साल की उम्र में जीते चुनाव, 30 साल की उम्र में बने मंत्री
डीके शिवकुमार ने साल 1985 में कांग्रेस के टिकट पर जनता पार्टी के राजनीतिक दिग्गज एच डी देवेगौड़ा के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि वह मामूली अंतर से हार गए थे। इसके बाद साल 1989 में 27 साल की उम्र में उन्होंने साथनूर सीट से चुनाव लड़ा और जीत गए। तब से लेकर आज तक वह कोई चुनाव नहीं हारे हैं। 30 साल की उम्र में वह दिवंगत मुख्यमंत्री श्री बंगारप्पा की सरकार में मंत्री बन गए थे।
कहां तक पाई शिक्षा
डीके शिवकुमार ने पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया है। उनकी छवि संकटमोचक की रही है और लगातार चुनाव जीतने से उन्होंने ये साबित कर दिया है कि उनका राजनीतिक कौशल भी शानदार है।
कर्नाटक के अमीर नेताओं में से एक, पेशे से बिजनेसमैन
शिवकुमार को कर्नाटक के सबसे अमीर नेताओं में से एक माना जाता है। उनकी संपत्ति 1400 करोड़ से ज्यादा बताई जाती है और पार्टी के लिए फंड करने में भी वह सबसे आगे रहते हैं। शिवकुमार पेशे से सफल बिजनेसमैन हैं और उनके चुनावी एफिडेविट में उनकी संपत्ति 1413 करोड़ रुपए बताई गई है। साल 2019 में उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद 50 दिनों तक वह तिहाड़ जेल में भी रहे।