ध्रुवीकरण से सतर्क कांग्रेस अब बीजेपी को रोकने के लिए यूपी विधानसभा चुनाव में बदलेगी रणनीति



बेफिक्र राजनीति का रास्ता अपनाकर लगातार ठोकरें खाती जा रही कांग्रेस अब सधे कदमों के साथ आगे बढ़ना चाहती है। कमजोर संगठन की स्वीकारोक्ति, उसमें सुधार के प्रयासों के साथ पार्टी के रणनीतिकार आत्मचिंतन के लिए बैठे तो महसूस किया कि ध्रुवीकरण के जोखिम को नजरअंदाज कर उत्तर प्रदेश की सत्ता तक पहुंचना बहुत मुश्किल है। ऐसे में मुस्लिमों पर फोकस करती सियासत सिर्फ 125 विधानसभा सीटों पर आजमाई जाएगी, जबकि बाकी सीटों पर सर्वसमाज को लेकर रणनीति बनेगी, ताकि ध्रुवीकरण का लाभ भाजपा न उठा सके।
संगठन के साथ रणनीति पर भी निगाह : वर्ष 2014 से शुरू हुई भगवा आंधी के बाद उत्तर प्रदेश में सभी गैर भाजपाई दलों के पैर उखड़ते चले गए। तीन दशक से यहां राजनीतिक संकट झेल रही कांग्रेस के लिए तो दोबारा जगह बनाना और मुश्किल होता गया। इधर, 2019 के लोकसभा में कांग्रेस महज एक लोकसभा सीट रायबरेली तक सिमटी तो राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने बतौर प्रभारी यहां की जिम्मेदारी संभाल ली। संगठन में अपने मुताबिक बदलाव शुरू कर दिए। उसके बाद भी पार्टी की जमीन उम्मीद के मुताबिक मजबूत होती न दिखी तो अब संगठन के साथ रणनीति पर भी निगाह गई है।
125 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम की बात, बाकी पर सर्वसमाज : पार्टी सूत्रों ने बताया कि हाल ही में 403 विधानसभा सीटों पर गहन मंथन हुआ। यह माना गया कि वर्ग विशेष के प्रभाव वाली मात्र 125 सीटें हैं। सिर्फ उन्हें केंद्र में रखकर ही सपा, बसपा की तरह खुद को ‘सेक्युलर’ दिखाने के लिए कांग्रेस भी दूसरे बड़े वर्ग को नजरअंदाज करती रही। इसे भाजपा ने हमेशा अपने तरीके से जनता के बीच रखा, जिससे हुए ध्रुवीकरण का लाभ लेकर हर बार आगे निकल गई। ऐसे में कांग्रेस अब मुस्लिम सियासत को सिर्फ 125 सीटों तक सीमित रखेगी और बाकी 278 सीटों के लिए पूरे हिंदू समाज पर फोकस रहेगा। ये वह सीटें हैं, जहां सबसे अधिक भाजपा ही मजबूत है।
छीनने से बेहतर भाजपा के वोट काटने की कोशिश : कांग्रेस मान रही है कि सपा-बसपा के हिस्से से कुछ वोट छीनने से बेहतर होगा कि भाजपा का वोट काटने की कोशिश हो। इसके लिए खास तौर पर किसी भी संवेदनशील मुद्दे पर हाईकमान से पार्टी लाइन बताई जाएगी। नेताओं को फिजूल बयानबाजी से रोका जाएगा। प्रदेश प्रवक्ता बृजेंद्र कुमार ङ्क्षसह मानते हैं कि पार्टी अपनी रणनीति बदल रही है। उनका कहना है कि कांग्रेस हमेशा हर समाज की बात करती है, लेकिन भाजपा समाज में झूठा संदेश देकर ध्रुवीकरण कराने में सफल होती रही। अब इसे रोकने का प्रयास होगा।
हर जिले में एक दिन गुजारेंगी प्रियंका : संगठन सृजन अभियान के तहत पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका वड्रा 25 जनवरी से पहले कई जिलों का दौरा कर सकती हैं। पूरा संगठन तैयार होने के बाद एक-एक जिले के दौरे पर निकलेंगी। हर जिले में एक दिन प्रवास कर पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगी। अधिक समय उस जिले के प्रबुद्धजनों से उनके घर जाकर मुलाकात में बिताएंगी।