PM नरेंद्र मोदी ने दी आवाज और 2 बार मिलाया हाथ बाबूराम के ‘बर्तन वाले काम’ ने दिलाया पद्मश्री सम्मान
मुरादाबाद : पीतल के कामगार बाबूराम यादव को पीतल के सजावटी उत्पादों पर बारीक मरोड़ी आर्ट, जिसे इस्तांबुल की नक्काशी भी कहते हैं, उसमें महारत हासिल करने और फिर उस नक्काशी को पीतल के बर्तनों पर उकेरने के लिए पद्मश्री पुरस्कार मिला है. इससे पहले पद्मश्री पुरस्कार मुरादाबाद के ही पीतल कामगार दिलशाद हुसैन को मिला था. दो साल में ही दूसरा पद्मश्री पुरस्कार मिलने से पीतल कामगार काफ़ी खुश हैं.
पद्मश्री पुरस्कार मिलने के बाद मुरादाबाद पहुंचे बाबूराम यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्होंने 15 साल की आयु से अपने उस्ताद अमर सिंह जी से ये मरोड़ी कला का काम सीखा था. उसके बाद वो इस काम में महारत हासिल करते गए. आज उनके बनाए उत्पाद देश की राजधानी दिल्ली में केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ़ टेक्सटाइल द्वारा संचालित शोरूम पर रखकर बेचे जाते हैं, जहां पर देश-विदेश से लोग आते हैं और उनके बने उत्पादों को खरीदते हैं.
बाबूराम यादव ने बताया कि पहले उन्हें 1986 में राज्य पुरस्कार मिला. उसके बाद राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, फिर तीसरी बार शिल्पगुरु पुरस्कार मिला और उसके बाद अब राष्ट्रपति महोदय द्वारा पदम श्री मिला है.
बाबू राम यादव ने बताया कि जब एक साथी के कहने पर उन्होंने आवेदन किया तो दिल्ली से जांच जिलाधिकारी मुरादाबाद के पास आए और जिलाधिकारी मुरादाबाद ने पूरी जिम्मेदारी से जांच कराई और उसकी सही रिपोर्ट बनाकर दिल्ली भेजी, जिसके आधार पर उनका नाम पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित हुआ.
बाबूराम यादव ने बताया राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद्मश्री पुरस्कार मिलने के बाद उन्हें आवाज दी और आगे बढ़कर उनसे दो बार हाथ मिलाया और उनसे हाल-चाल भी पूछा. कार्यक्रम के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने रात्रि भोज के लिए भी आमंत्रित किया.
बाबूराम यादव ने सरकार की तारीफ़ करते हुए कहा कि सरकार अच्छा काम कर रही है. हम जैसे ज़मीनी लोगों को तलाश कर उनके हुनर की पहचान कर उन्हें देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति से सम्मानित करा रही है.