इस नक्षत्र में जन्मे लोगों पर होती है गुरुदेव बृहस्पति और शनिदेव की कृपा, जानिए इनके बारे में सबकुछ
हर व्यक्ति का जन्म किसी न किसी नक्षत्र में होता है। हर नक्षत्र का कोई स्वामी ग्रह होता है। आज हम आपको बता रहे हैं पुष्य नक्षत्र के बारे में। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुष्य नक्षत्र में जन्मे जातक हमेशा कुछ न कुछ नया करने की कोशिश में रहते हैं। नए काम में सफलता पाने के लिए इन लोगों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। पुष्य नक्षत्र के जातक बुद्धिमान होते हैं। जानिए इनका स्वभाव और व्यक्तित्व-
इस नक्षत्र में पैदा हुए जातक सच्चे प्रेमी माने जाते हैं। ये जल्दी किसी के साथ संबंध नहीं तोड़ते हैं। ये पूरी ईमानदारी से दोस्ती निभाते हैं। ये स्वभाव के चंचल होते हैं। ये मन के शांत व धार्मिक स्वभाव के होते हैं। ये जातक अपने कार्यक्षेत्र में सफलता पाते हैं। हालांकि कई बार इन्हें धन हानि भी होती है।
माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र में जन्मे लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है। शनि देव और गुरु देव बृहस्पति की कृपा से इनके काम बनते जाते हैं। इन्हें जीवन में आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है।
किस क्षेत्र में पाते हैं सफलता-
पुष्य नक्षत्र के जातक एक अच्छे लेखक, सुंदर कवि, महान दार्शनिक और साहित्यकार बन सकते है।
आठवां नक्षत्र होता है पुष्य-
ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों में से पुष्य आठवां नक्षत्र होता है। इसे नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। इस नक्षत्र के स्वामी शनि और गुरुदेव बृहस्पति हैं। इस नक्षत्र को सभी नक्षत्रों में सबसे शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस नक्षत्र में किया गया कार्य शुभ फलदायी होता है। इस नक्षत्र में जन्मी महिलाएं धार्मिक विचारों वाली होती हैं। ये दयावान होने के साथ हर काम में रुचि दिखाने वाली होती हैं।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।