पाकिस्तान में पश्तून, सिंधी और बलूचों की हत्याओं पर अमेरिका ने जताई चिंता, जानें क्या कहा
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने मानवाधिकारों पर दो सौ देशों की रिपोर्ट प्रकाशित की है। इनमें सबसे ज्यादा गंभीर हालत चीन, पाकिस्तान और रूस की बताई है। अमेरिका की रिपोर्ट में पाकिस्तान में मानवाधिकारों की खराब स्थिति को विस्तार से बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में गैरकानूनी और मनमाने तरीके से पश्तून, सिंधी, बलूच और अल्पसंख्यकों का अपहरण और हत्याएं की जा रही हैं।
पाकिस्तान सरकार नहीं मान रही अपनी जिम्मेदारी
रिपोर्ट में साफ साफ कहा गया है कि ऐसे मामलों में सरकार अपनी कोई जिम्मेदारी नहीं मानती है। जो अपराध कर रहे हैं, उनको सजा भी नहीं दी जा रही है। हिंसा में विदेशी आतंकवादियों का भी हाथ है। विभिन्न समुदाय के लोग लंबे समय से गायब हैं। पत्रकारों को धमकियां दी जाती हैं। प्रेस की स्वतंत्रता सीमित है।
ईशनिंदा कानून में कार्रवाई रोकने को कहा
अमेरिका के मानवाधिकार कमिश्नर जॉनी मूर ने पाकिस्तान में महिला दिवस पर औरत मार्च निकालने पर पुलिस और अदालत के द्वारा ईशनिंदा कानून के तहत कार्रवाई को गलत बताया है। अमेरिका ने कहा है कि इस कार्रवाई को वापस लिया जाए।
चीनी कार्रवाई को घोषित किया नरसंहार
अमेरिका ने चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ चीनी अधिकारियों की कार्रवाई को नरसंहार घोषित किया है। अमेरिका ने कहा है कि शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों को मनमाने तरीके से जेल में डाला जा रहा है। यहां दस लाख लोग यातना शिविरों में हैं। उन्हें तरह-तरह से यातना दी जा रही है। जबरन काम कराया जा रहा है और यौन शोषण तक किया जा रहा है। धार्मिक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी नहीं है।
रूस पर भी निशाना
रिपोर्ट में कहा गया है कि वुहान में चार पत्रकार ही गायब हो गए। इन सभी पत्रकारों ने कोरोना महामारी शुरू होने पर रिपोर्टिंग की थी। उइगर मुस्लिमों के सगठनों ने शिनजियांग में चीनी कार्रवाई को नरसंहार घोषित किए जाने की प्रशंसा की है। अमेरिका ने रूस में भी मानवाधिकारों के हनन मामलों का उल्लेख किया है।