हज यात्रा के इतिहास में ऐसा हुआ पहली बार, बिना महरम मुकद्दस सफर पर रवाना हुईं महिलाएं
हज यात्रा के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि महिलाएं बिना शौहर या पुरुष रिश्तेदार के हज के मुकद्दस सफर पर निकल रही हैं। इस बार देश भर की ऐसी 4000 महिलाएं हैं, जो अकेले हज यात्रा पर जा रही हैं। राष्ट्रीय राजधानी के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आज यानी मंगलवार को दिल्ली की 39 महिलाएं और उत्तर भारत की करीब 200 महिलाएं बिना पुरुष रिश्तेदार के हज यात्रा के लिए निकली हैं।
“मोदी सरकार में महिलाएं आत्मनिर्भर हो रहीं”
दिल्ली एयरपोर्ट से आज हज के लिए यात्रियों का एक जत्था रवाना हुआ। केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने महिलाओं के इस जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार में महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं। वो घरों से बाहर निकलने लगी हैं। यही कारण है कि जिस हज यात्रा पर हमेशा महिलाओं को मरहम के साथ जाना पड़ता था वो आज अकेले जा रही हैं।
ऐसी 4,314 महिलाओं का मिला था आवेदन
हज यात्रा पर जाने वाली महिलाओं को कई नियमों की बाध्यता से छूट मिली है। पहली दफा 4,314 महिलाओं ने बिना महरम या पुरुष रिश्तेदार के बिना यात्रा के लिए आवेदन किया था। इसके बाद अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की ओर से जानकारी सामने आई थी कि इन सभी महिलाओं के आवेदन को प्राथमिकता के साथ मंजूरी दी जाएगी।
हज यात्रा के लिए VIP कोटा को किया गया खत्म
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हज यात्रा के लिए VIP कोटा को भी खत्म कर दिया है। पहले हज यात्रा को लेकर कुछ रिजर्व सीटें दी जाती थीं। हालांकि, अब किसी भी यात्री को कोई खास वीआई कल्चर नहीं दिया जाएगा। पहले राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और हज समिति द्वारा आवंटित सीटों से करीब 500 लोग हज पर जा सकते थे। इस आधार पर राष्ट्रपति कोटे से 100, उपाध्यक्ष कोटे से 75, पीएम कोटे से 75, अल्पसंख्यक कार्य मंत्री कोटे से 50, हज कमेटी ऑफ इंडिया को 200 सीटें मिलती थीं।