म्यांमार के तख्तापलट, भारत ने अपने चार राज्यों को किया अलर्ट, जानिए- क्या है वजह
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्वोत्तर के चार राज्यों मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के साथ-साथ असम राइफल्स को सैन्य तख्तापलट के शिकार म्यांमार से शरणार्थियों के आगमन पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उक्त चारों राज्यों की सीमा म्यांमार से लगती है। एक अधिकारी ने बताया कि उपसचिव (गृह) कृष्ण मोहन उप्पू ने इन चारों राज्यों के मुख्य सचिवों और असम राइफल्स के महानिदेशक को पत्र लिखकर सभी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को सतर्क करने के निर्देश दिए हैं, ताकि अवैध प्रवासियों की पहचान करने और अविलंब उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
10 मार्च को लिखे पत्र में उप्पू का कहना है कि मंत्रालय की विदेश शाखा ने भी 28 फरवरी को मुख्य सचिवों को निर्देश जारी किए थे जिसमें सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों को अवैध प्रवासियों की पहचान करने, कानूनी प्रविधानों के मुताबिक खास स्थानों पर उन्हें प्रतिबंधित करने, उनका बायोग्राफिक व बायोमैट्रिक डाटा हासिल करने, फर्जी भारतीय दस्तावेजों को रद करने और वापस भेजने समेत कानूनी कार्यवाही शुरू करने के लिए कहा गया था।
बता दें कि म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है। लोग तख्तापलट को लेकर काफी नाराज हैं। सेना इन विरोध प्रदर्शनों पर लगाम लगाने की हरसंभव कोशिश कर रही है। प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने की भी कई घटनाएं पिछले दिनों सामने आई हैं। खबरों के मुताबिक, विरोध प्रदर्शनों में अब तक 70 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में म्यांमार के कुछ लोग भारत में भी शरण लेने की सोच सकते हैं। इसलिए भारत ने संबंधित राज्यों को सर्तक कर दिया है।
हालांकि, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा है कि अभी तक उनके राज्य में म्यांमार के निवासियों के आने की कोई घटना सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि हमने सीमा पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। वैसे यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है और राज्य सरकार को इसमें कोई कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है।