मुजफ्फरनगर के चर्चित तिहरे हत्याकांड में सात आरोपित बरी, दारोगा की कोठी पर हुआ था कांड, हिल गया था पुलिस प्रशासन
शहर कोतवाली क्षेत्र के दरोगा वाली कोठी पर चार साल पहले हुए तिहरे हत्याकांड के मामले में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सात आरोपितों को बरी कर दिया है। चार सितंबर 2016 को रात आठ बजे हुए इस चर्चित तिहरे हत्याकांड को लेकर जिला प्रशासन व पुलिस भी हिल गई थी।
दरोगा की कोठी निवासी नौशाद ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसका ताऊ इस्लाम व चाचा अकरम लॉटरी के 80000 लेने के लिए रसीद होटल वाले के पास गए थे। जहां रशीद होटल वाले वे उसके परिजनों ने उन पर हमला बोल दिया था। बचाने आए परिवार के कई अन्य लोगों को भी गोली लगी थी। सभी घायलों को अस्पताल ले जाया गया था। उपचार के दौरान इस्लाम, गुलशेर वह अख्तर की गोलियां लगने से मौत हो गई थी। पुलिस ने अलग-अलग समय में सात आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या प्रथम हिमांशु भटनागर के समक्ष हुई। सुनवाई के दौरान वादी मुकदमा नौशाद सहित सभी चश्मदीद गवाह अभियोजन की याचना पर पक्षद्रोही घोषित किए गए। कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए वसीम पुत्र रशीद, नदीम पुत्र रशीद व प्रवेज़ पुत्र रशीद तथा रशीद पुत्र कल्लू एवं शाहनवाज पुत्र यासीन, साकिब पुत्र शमीम को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।