सांसद जगदम्बिका पाल ने मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा में रखा सरकार का पक्ष लोकसभा में सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा



( सिद्धार्थनगर )। स्थानीय सांसद जगदम्बिका पाल ने लोकसभा में सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा में सरकार का पक्ष रखा। लोक सभा मे सरकार का पक्ष रखते हुए जगदम्बिका पाल ने कहा कि वर्ष 2022-23 के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय पर कुल खर्च 1,99,108 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान से 52 फीसदी ज्यादा है। 2022-23 में पूंजीगत व्यय 1,87,744 करोड़ रुपये जबकि राजस्व व्यय 11,364 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। 2015-16 से, मंत्रालय के पूंजीगत व्यय के हिस्से में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2022-23 में, मंत्रालय के खर्च का 94% पूंजीगत व्यय पर होने का अनुमान है। पिछले कुछ वर्षों में, मंत्रालय के खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 2011-12 से 2016-17 के बीच, वास्तविक व्यय की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर 15% थी। 2016-17 से 2021-22 की अवधि के लिए सीएजीआर 20% है। 2022-23 में, मंत्रालय को कुल आवंटन में से सबसे अधिक 1,34,015 करोड़ रुपये (67%) एनएचएआई की ओर है। इसके बाद सड़कों और पुलों के लिए 64,573 करोड़ रुपये (32%) का आवंटन किया गया है। अक्टूबर 2017 में कैबिनेट द्वारा प्रमुख राजमार्ग क्षेत्र के कार्यक्रम भारतमाला परियोजना चरण -1 की स्वीकृति ने दोहराया कि देश भर में माल और यात्री आवाजाही की दक्षता को अनुकूलित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। भारतमाला चरण -1 के तहत, 34,800 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास उन्नयन की परिकल्पना की गई है। 5,35,000 करोड़ रुपये के परिव्यय पर पांच साल की अवधि (2017-18 से 2021-22) में। बजट के अनुसार, एक्सप्रेसवे के लिए पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान 2022-23 में लोगों और सामानों की तेज आवाजाही की सुविधा के लिए तैयार किया जाएगा, जिसमें 2022-23 में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के 25,000 तक विस्तार की परिकल्पना की गई है। इसके अलावा, सार्वजनिक संसाधनों के पूरक के लिए वित्तपोषण के नवीन तरीकों के माध्यम से 20,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। जैसा कि एक लेख में बताया गया है, यूपीए सरकार के तहत केंद्रीय मंत्रालय द्वारा सड़क निर्माण की उच्चतम दर 2012-13 की अवधि के दौरान यूपीए की सरकार में प्रति दिन 11.6 किलोमीटर थी, और दूसरी सबसे ज्यादा 2009-10 में 14 किलोमीटर प्रति दिन थी। देश में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) निर्माण की गति 2020-21 में रिकॉर्ड 37 किमी प्रति दिन को छू गई।