16 May, 2024 (Thursday)

MP Election 2023: टिकट कटने से नाराज इस दिग्गज को साधने में सफल हुई कांग्रेस, ये अब भी बने हुए हैं सिर दर्द

MP Assembly Election 2023: कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल में काफी हद तक कामयाबी हासिल कर ली है. कई नाराज नेता मान गए हैं और कांग्रेस की सरकार बनाने में जुट गए हैं. इसी कड़ी में धार के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी जिन्होंने टिकट वितरण के बाद इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उन्होंने कमलनाथ से मिलकर अपना इस्तीफा वापस ले लिया है.
Madhya Pradesh Assembly Election 2023: कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद उठे विरोध के स्वर, नाराज़गी और बगावत को कंट्रोल करने में कांग्रेस (Congress) के बड़े नेता जुट गए हैं. इसकी जिम्मेदारी दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) और सुरजेवाला (Randeep Surjewala) को सौंपी गई है. यह दोनों नेता टिकट कटने और टिकट बदले जाने से नाराज नेताओं से लगातार मुलाकात कर रहे हैं. नाराज नेताओं को संगठन में महामंत्री, उपाध्यक्ष और चुनाव प्रभारी बनाया जा रहा है. साथ ही सरकार बनने पर कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और निगम में एडजस्ट करने का आश्वासन दिया जा रहा है.इस बीच इन दोनों नेताओं ने डैमेज कंट्रोल में काफी हद तक कामयाबी हासिल कर ली है. कई नाराज नेता मान गए हैं और कांग्रेस की सरकार बनाने में जुट गए हैं.
टिकट नहीं मिलने से थे नाराज
दरअसल धार के बड़े आदिवासी नेता और पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने टिकट वितरण के बाद नाराज होकर कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. राजूखेड़ी ने धार की धरमपुरी और मनावर से टिकट मांगा था, लेकिन दोनों जगह से उन्हें टिकट नहीं दिया गया, जिसके चलते वह बेहद नाराज थे और करीब दो हफ्ते पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, कमलनाथ की डैमेज कंट्रोल टीम ने राजू खेड़ी से मुलाकात की और उन्हें कांग्रेस के निष्ठावान और जमीनी नेता बताते हुए कांग्रेस का साथ देने की अपील की, जिसके बाद राजाखेड़ी ने सोमवार को कमलनाथ से मुलाकात की और अपना इस्तीफा वापस ले लिया. कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री सैयद जाफर ने सोशल साइट एक्स पर राजू खेड़ी और कमलनाथ का फोटो शेयर कर यह जानकारी दी.
अब करेंगे पार्टी के लिए चुनाव प्रचार
जाफर ने ट्वीट कर लिखा कि धार के पूर्व कांग्रेस सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात की. उनसे चर्चा के बाद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने अपना इस्तीफा वापिस ले लिया है. राजूखेड़ी अब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रचार अभियान में तेजी से जुटेंगे और मप्र में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए काम करेंगे.
ये नाराज नेता भी मान चुके हैं
सतपाल पलिया: राजू खेड़ी से पहले होशंगाबाद की सोहागपुर विधानसभा में 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके सतपाल पलिया भी 2023 में टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था . इससे पलिया काफी नाराज थे. कांग्रेस ने उनको प्रदेश संगठन में उपाध्यक्ष का पद दिया, उसके बाद वह मान गए.
रोशनी यादव: निवाड़ी से भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आई मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल रामनरेश यादव की पौत्रवधू रोशनी यादव टिकट कटने से काफी आहत और नाराज थी. उन्होंने भोपाल से लेकर दिल्ली तक अपना विरोध दर्ज कराया. इसके बाद दिग्विजय सिंह और सुरजेवाला ने उनसे मुलाकात की. इसके बाद उन्हें संगठन में महामंत्री का पद दिया गया. साथ ही बुंदेलखंड का प्रभारी बनाया, जिसके बाद वह मान गई.
राकेश मावई: मुरैना से विधायक राकेश मावई टिकट कटने के बाद वह काफी आहत और नाराज थे. हालांकि, अब उनको मुरैना संसदीय क्षेत्र का पर्यवेक्षक क्षेत्र बना दिया गया है . इसके बाद से वह मान गए हैं और कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं.
अवनी बंसल: हरदा से अवनी बंसल टिकट की मांग कर रही थी. जब टिकट नहीं मिला, तो कांग्रेस ने उन्हें कांग्रेस कमेटी का महामंत्री बना दिया. अब वह कांग्रेस के लिए काम कर रही हैं.

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