लखनऊ विश्वविद्यालय : अब छात्रवृत्ति कल्याण निधि से मिलेंगे 15 हजार रुपये, जानिए किन छात्रों को मिलेगी ये स्कालरशिप
लखनऊ विश्वविद्यालय ने पूअर स्टूडेंट एंड फंड छात्रवृत्ति योजना का नाम बदल कर छात्र कल्याण निधि कर दिया है। खास बात ये है कि अब इसमें चयनित छात्रों को पांच हजार रुपये की जगह पंद्रह हजार रुपये दिए जाएंगे। इस योजना में नए सत्र के लिए 49 छात्र-छात्राओं का चयन किया गया है। रविवार को विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके निर्देश जारी किए हैं।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि विश्वविद्यालय में अत्यंत होनहार, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को मुख्य रूप से फीस, भोजन, आवास, अध्ययन और स्वास्थ्य संबंधी खर्चों की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे छात्रों को वित्तीय सहायता देने के लिए ही ‘छात्र कल्याण छात्रवृत्ति’ की शुरुआत की गयी। इसमें 343 आवेदन आए थे। विभिन्न संकायों के कुल 49 पात्र छात्रों को उनकी संबंधित श्रेणियों (अंडर-ग्रेजुएट, पोस्ट-ग्रेजुएट और पीएचडी) में योग्यता के आधार पर चुना गया है।
एक शैक्षिक सत्र में मिलेंगे 15 हजार रुपये : इस योजना में छात्रों को एक शैक्षणिक सत्र के लिए 15,000 रुपये मिलेंगे। पात्रता के लिए संबांधित छात्र के माता-पिता या अभिभावकों की वार्षिक कुल आय तीन लाख रुपये से अधिक न हो। छात्र ने पिछली परीक्षा न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण किया हो। छात्र की पिछले शैक्षणिक सेमेस्टर अथवा वर्ष में कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति होनी चाहिए। आवेदन करने वाले छात्र को पूर्व से फेलोशिप या छात्रवृत्ति सहित किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता न मिल रही हो।
बीएड प्रवेश : कई जिलों के डिप्टी व नोडल समन्वयक बदले : कोरोना महामारी से कुछ राहत मिलने के बाद अब लखनऊ विश्वविद्यालय ने बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है। कोविड की चपेट में आने की वजह से कई जिलों में डिप्टी नोडल अधिकारी और डिप्टी नोडल समन्वयक बदल दिए गए हैं। वहीं, परीक्षा केंद्रों को बनाने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से होने वाली संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में 5,91,252 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। विश्वविद्यालय ने 19 मई को प्रवेश परीक्षा प्रस्तावित की थी। लेकिन कोरोना की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया था।
अब शासन ने प्रवेश परीक्षा की नई तारीख 18 जुलाई तय की है। इसको ध्यान में रखकर विश्वविद्यालय ने तैयारी शुरू की है। प्रवेश परीक्षा की राज्य प्रवेश समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेयी ने बताया कि कई जिलों में डिप्टी व नोडल कोआर्डिनेटर का कोरोना से निधन हो गया। वहीं, कुछ इससे काफी प्रभावित हो गए, जिससे उन्होंने परीक्षा करा पाने में असमर्थता जताई। इसलिए वहां दूसरे डिप्टी नोडल समन्वयक बनाए जा रहे हैं।
अभ्यर्थी की पसंद पर आवंटित होगा परीक्षा का जिला : कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए परीक्षा केंद्र बनाए जाने हैं। अभ्यर्थियों से उनकी पसंद के हिसाब से परीक्षा के लिए जिलों का विकल्प मांगा गया था। जो डेटा आया है, उसे सभी जिलों के कोआर्डिनेटर को भेज दिया गया ताकि उसी आधार पर वहां के जिला विद्यालय निरीक्षक से संपर्क कर सेंटर तय करते हुए सूचना भेजें।