28 April, 2025 (Monday)

जानिए कौन हैं लखनऊ के ‘बाजीगर’ कौशल किशोर, पढ़िए संघर्ष की कहानी

लखनऊ. उत्तर प्रदेश से दलित नेता और लखनऊ  की मोहनलालगंज लोकसभा सीट से सांसद कौशल किशोर  मोदी सरकार  में मंत्री बनने जा रहे हैं. कभी यूपी में मुलायम सरकार में राज्यमंत्री रहे कौशल किशोर अब मोदी सरकार में राज्यमंत्री बनने जा रहे हैं. वे लखनऊ जिले की सुरक्षित सीट मोहनलालगंज से लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं. यहां तक पहुंचने से पहले कौशल किशोर 6 बार विधानसभा का चुनाव हारे हैं लेकिन, हिम्मत नहीं हारे.

61 साल के कौशल किशोर लखनऊ के कोकारी के रहने वाले हैं. कौशल किशोर 2002 में पहली बार विधायक बने थे. तब उन्होंने मलिहाबाद की सुरक्षित सीट को चुना था. वे पहली बार निर्दलीय के रूप में विधायक बने थे. तब प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सपा सरकार थी. मुलायम सिंह ने उन्हें श्रम राज्यमंत्री बनाया गया था. हालांकि ये रिश्ता 8 महीने ही चल सका और कौशल किशोर सरकार से अलग हो गये. कौशल किशोर भले ही लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं लेकिन, यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने बड़े पापड़ बेले हैं.

ये रही उनके संघर्षों की कहानी…

कौशल किशोर 2013 में भाजपा ज्वाइन करने से पहले हमेशा निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा. ये अलग बात है कि उन्होंने राष्ट्रवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नाम से एक पार्टी जरूर बनाई थी. कौशल किशोर ने पहला चुनाव लखनऊ जिले की सुरक्षित सीट महिलाबाद से 1989 में निर्दलीय के रूप में लड़ा लेकिन, विधानसभा का ये चुनाव हार गये. उन्हें सिर्फ 1800 वोट मिले थे. अगला 1991 और 1993 का चुनाव भी उन्होंने लड़ा लेकिन, हारते रहे. ये अलग बात थी कि वोट चुनाव दर चुनाव बढ़ता रहा. इसी हिम्मत के सहारे कौशल किशोर आगे बढ़ते गये.

2002 में उन्हें पहली बार ब्रेक मिला और वे मलिहाबाद से विधायक बने. मुलायम सरकार में मंत्री भी बने. 2007 में वे फिर चुनाव लड़े लेकिन, हार गये. और तो और 2009 में मलिहाबाद के विधानसभा उपचुनाव में भी वे उतरे लेकिन, मायावती सरकार के समय उनकी हार हुई. 2012 के भी विधानसभा चुनाव में उनकी हार हुई. ये सभी चुनाव कौशल किशोर ने निर्दलीय के रूप में लड़ा. इस तरह 1989 से लेकर 2014 तक कौशल किशोर 6 बार विधानसभा के चुनाव हारे और सिर्फ एक बार 2002 में जीते.

आखिरकार 2013 में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया. 2014 में पार्टी ने मोहनलालगंज की सुरक्षित सीट ने उन्हें लड़ाया और कौशल किशोर पहली बार सांसद बने. फिर वे 2019 में भी सांसद बने. इस बीच उनकी पारम्परिक सीट मलिहाबाद से 2017 का चुनाव उनकी पत्नी जयदेवी कौशल ने जीता. अब कौशल किशोर मोदी सरकार में मंत्री बनेंगे.

फिलहाल वे प्रदेश भाजपा के अनुसूचित प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी हैं. कौशल किशोर को मंत्री बनाकर भाजपा ने दलित वोटरों की गोलबन्दी करने की भरपूर कोशिश की है.

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