कानपुर, जेएनएन। कानपुर के रावतपुर में दो साल पहले कुख्यात आतंकी दाऊद इब्राहिम के दो गुर्गे रुके थे। इस रहस्य से दिल्ली सेल और एटीएस द्वारा पकड़े गए आतंकी आमरि और हुमैद ने पूछताछ के दौरान पर्दा उठाया है। अब एटीएस और पुलिस ने कानपुर में दोनों से जुड़ी कुंडली खंगालनी शुरू कर दी और दो साल तक उनकी गतिविधियों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।

दिल्ली स्पेशल सेल द्वारा दबोचे गए आतंकियों में एक आमिर और प्रयागराज में पकड़े गए आतंकी हुमैद से पूछताछ में सामने आया है कि कुख्यात आतंकी दाऊद इब्राहिम के दो गुर्गे दो साल पहले कानपुर के रावतपुर क्षेत्र स्थित रोशन नगर में आकर रुके थे। हालांकि इस तथ्य की जानकारी के बाद जब सुरक्षा एजेंसियां उस घर पर पहुंची तो वहां ताला लटका मिला। एजेंसियां अब मकान मालिक की तलाश कर रही है, ताकि आगे की कड़ियों को जोड़ा जा सके। दिल्ली स्पेशल सेल, यूपी एटीएस के साथ एनआइए ने भी गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ की थी। अब तक यही माना जा रहा था कि महानगर में आतंकियों ने स्लीपर सेल तैयार किए हैं, मगर अब सामने आ रहा है कि बात केवल रेकी तक सीमित नहीं है।

इस रहस्य से पर्दा उठने के बाद रावतपुर का रोशनपुर एक बड़े आतंकी हब के रूप में सामने आया है। प्रयागराज में पकड़े गए हुमैद के बड़े भाई की ससुराल रोशन नगर में है और उसके रिश्तेदार भी आतंक के रास्ते पर हैं। पुलिस इस परिवार के तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है। घर के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इनके घरों में कौन आता जाता था। इसके अलावा हुमैद की कार भी रोशन नगर से ही बरामद हुई है। दावा है कि इसी कार से हथियारों व विस्फोटक की तस्करी होती थी।

अब नया तथ्य यह सामने आया है कि दाऊद गिरोह के दो सदस्य दिसम्बर 2019 में कानपुर आए थे। इनके साथ बिहार के दो असलहा तस्कर भी थे। चारों रोशन नगर के ही एक मकान में कई दिनों तक रूके और महत्वपूर्ण स्थानों की रेकी भी की। एटीएस सूत्रों ने बताया कि जिस मकान में दाऊद के गुर्गे और असलहा तस्कर रुके थे, उस घर को तलाश कर लिया गया है। हालांकि वहां ताला मिला। बताया जा रहा है कि तीन महीने से यहां कोई नहीं रह रहा। तीन माह पहले तक इस घर में एक महिला और तीन पुरुष रहते थे। वह अब कहां है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है।