कल्याणपुर थाने से चंद कदम की दूरी पर मंगलवार देर शाम गुलमोहर अपार्टमेंट की 10वीं मंजिल से संदिग्ध हालात में गिरकर 18 वर्षीय युवती की मौत हो गई थी। जिस फ्लैट की बालकनी से वह गिरी थी, वह डेयरी कारोबारी का है। युवती ने कुछ दिन पहले ही डेयरी कारोबारी की कंस्लटेंसी में बतौर सेक्रेटरी नौकरी शुरू की थी। गुलमोहर अपार्टमेंट की 10वीं मंजिल के फ्लैट नंबर 1006 में रहने वाला प्रतीक वैश्य मंधना में दूध डेयरी कारोबारी शीतल कुमार वैश्य का बेटा है और कंसल्टेंसी चलाता है। शीतल कुमार की नारामऊ में मार्डन डेयरी है और वह अपार्टमेंट की 11वीं मंजिल पर अलग फ्लैट में रहते हैं। प्रतीक वैश्य की पत्नी ने तलाक ले लिया था, इसके बाद से प्रतीक अलग ही रह रहा था।

 

शाम को प्रतीक के साथ कार से आई थी युवती

नौकरानी अर्चना ने बताया कि शाम साढ़े चार बजे प्रतीक के साथ युवती कार से आई थी। देर शाम करीब पौने सात बजे अपार्टमेंट में तैनात गार्डों ने कुछ गिरने जैसी तेज आवाज सुनकर पहुंचे तो युवती का शव पड़ा था। सिर के बल गिरने से मौके पर ही मौत हो गई थी। सूचना पर एडीसीपी पश्चिम बृजेश श्रीवास्तव, एसीपी दिनेशचंद्र शुक्ला फोर्स संग पहुंचे और जांच शुरू की तो फ्लैट के अंदर सारा सामान बिखरा पड़ा मिला। बियर की बोतलों की पेटियां भी मिलीं। फ्लैट के अंदर सारा गिरा और टूटा पड़ा था। आसपास के लोगों ने युवती के साथ कुछ गलत होने की आशंका जताई। उसकी जींस का बटन टूटा और चेन खुली थी। ऐसा लग रहा था कि युवती के साथ जोर-जबरदस्ती की गई हो और उसने बचने का प्रयास किया हो। सूचना पर पहुंचे स्वजन ने डेयरी कारोबारी पर बेटी के साथ गलत काम करके बालकनी से फेंककर हत्या करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने आरोपित डेयरी कारोबारी प्रतीक वैश्य को गिरफ्तार कर लिया है।

मां बोली- डेयरी कारोबारी की नजरें बेटी पर ठीक नहीं थीं

मां और बहन ने मीडिया कर्मियों से कहा कि पहले दिन से बेटी के प्रति डेयरी कारोबारी की नजर ठीक नहीं थी और वह उससे अश्लील बातें करता था। बेटी ने दूसरे ही दिन सुबह दफ्तर जाने से पहले बताया था कि बाॅस उसे घर बुला रहे हैं और कह रहे हैं कि तुम्हें डेयरी का कोई काम नहीं आता है। घर चलो, वहीं पर सिखाता हूं। इसके बाद सोमवार को उसे अपनी कार से घर लेकर आए थे। करीब सात बजे उसे छोड़ा, तब बेटी साढ़े सात बजे घर पहुंची थी।

बड़ी बहन ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे बहन ड्यूटी पर जाने के लिए निकली थी। दोपहर करीब दो बजे वाट्सएप के जरिए भी बात हुई थी। तब बहन ने कहा कि आज भी बास के साथ उनके घर पर फर्म का कामकाज सीखने के लिए जाना है। तब उससे कहा कि ठीक न लगे तो नौकरी छोड़ दो। इस पर उसने जवाब दिया कि अभी एक दो दिन ही तो हुए हैं, समझने में कुछ वक्त तो लगेगा ही। एक दो दिन काम करके और देख लेती हूं। इसके बाद आगे फैसला लूंगी। तब ओके लिखकर बड़ी बहन ने बातचीत बंद कर दी थी।