साइकिल के पंक्चर तक सुधारे: कभी मिल मजदूर थे, अब कर्नाटक के राज्यपाल बनेंगे गहलोत
उज्जैन। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत कर्नाटक के नए राज्यपाल होंगे। मंगलवार सुबह इसकी सूचना मिलते ही पैतृक नगर नागदा सहित जिले भर में समर्थकों ने खुशी जाहिर की। तीन बार विधायक, चार बार सांसद और 2012 से अभी तक राज्यसभा सदस्य रहे गहलोत का शुरुआती जीवन संघर्षों से भरा रहा।
गहलोत ने मिल में मजदूरी के साथ ही साइकिल के पंक्चर सुधारने तक का किया काम
18 साल के गहलोत ने ग्रेसिम में मजदूरी की और पढ़ाई भी जारी रखी
गहलोत 18 साल के हुए तो उन्होंने ने भी ग्रेसिम में मजदूरी शुरू कर दी। इस दौरान पढ़ाई भी जारी रखी। विक्रम विश्वविद्यालय से स्नातक किया। 1970 में उन्होंने भारतीय मजदूर संघ से नाता जोड़ा। मजदूरों के हित में कई आंदोलनों में भाग लिया।
नौकरी चली जाने के बाद गहलोत ने साइकिल के पंक्चर सुधारने के लिए दुकान लगाई
आंदोलनों में सक्रियता के कारण उनकी नौकरी चली गई। इसके बाद उन्होंने साइकिल के पंक्चर सुधारने के लिए दुकान लगाई।
1970 के आसपास गहलोत जनसंघ के नेता मांगीलाल शर्मा के साथ जुड़ गए और आंदोलनों में भाग लिया। एक बार वे शर्मा के लिए टिकट मांगने कुशाभाऊ ठाकरे के पास पहुंचे। ठाकरे गहलोत के स्वभाव को जानते थे। उन्होंने कहा कि तुम खुद आलोट से चुनाव लड़ो। उस समय गहलोत के पास नामांकन दाखिल करने के लिए 2500 रुपये भी नहीं थे। इस पर ठाकरे ने कहा था कि सब हो जाएगा। 1980 में गहलोत पहली बार आलोट से विधायक बने। वे आलोट से तीन बार विधायक चुने गए।
लोकसभा के लिए चार बार चुने गए
थावरचंद गहलोत 1996-97, 1998-99, 1999-2004 और 2004 से 2009 तक देवास-शाजापुर संसदीय क्षेत्र से लगातार चुनाव जीते। इसके बाद 2012 से अब तक राज्यसभा सदस्य हैं। उन्हें केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय सौंपा गया।