दक्षिण चीन सागर मामले में अमेरिका ने चीन पर लगाए नए प्रतिबंध, बाइडन प्रशासन की मुश्किलें बढ़ाई
अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर मामले में चीन पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने गुरुवार को इस संबंध में कदम उठाया। ट्रंप के इस कदम से अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए चीन से कूटनीतिक संबंधों को संभालना और मुश्किल होगा। बाइडन 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालेंगे।अपने आखिरी दिनों में ट्रंप प्रशासन ने चीन के कई अधिकारियों व उनके परिवार के सदस्यों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया है। अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि इन लोगों ने दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में आवागमन की आजादी के अंतरराष्ट्रीय प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
प्रशासन ने यह भी कहा कि चीन की सरकारी तेल कंपनी चाइना नेशनल ऑफशोर ऑयल कॉरपोरेशन को भी उन कंपनियों की सूची में रखा जाएगा, जिनके साथ अमेरिकी नागरिकों को कारोबार करने से प्रतिबंधित किया गया है। विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने इन नए प्रतिबंधों का एलान किया है। उन्होंने कहा कि हम तब तक चीन के खिलाफ कार्रवाई करते रहेंगे, जब तक कि दक्षिण चीन सागर में चीन अपना व्यवहार सही नहीं करेगा। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि अमेरिका इन दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ खड़ा है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप अपने संप्रभु अधिकारों और हितों की रक्षा करना चाहते हैं।
2019 के बाद से, अमेरिकी प्रशासन ने तिब्बत, हांगकांग और शिनजियांग के पश्चिमी क्षेत्र में मानव अधिकारों के साथ -साथ व्यापार, ताइवान और कोरोना वायरस महामारी के लिए चीनी प्रतिक्रिया के मुद्दों पर चीन पर लगातार दबाव डाला है। अमेरिकी प्रशासन ने बुधवार को कुछ कृषि से जुड़े सामानों के अमेरिका में आयात पर प्रतिबंध लगा दिया। इससे चीन झल्ला गया है। जुलाई में, पोंपियो ने घोषणा की थी कि अमेरिका, दक्षिण चीन सागर में चीन के सभी समुद्री दावों को खारिज करेगा, जिसे लेकर चीन का उसके अधिकांश छोटे पड़ोसियों के साथ विवादि चल रहा है।