पति की जमानत के लिए पत्नी ने दायर किया घरेलू हिंसा का फर्जी केस, दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट से हुआ खुलासा



पांच साल से तिहाड़ जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी ने अदालत में अंतरिम जमानत याचिका दाखिल की है। याचिका में दलील दी गई है कि कैदी की पत्नी का ससुरालवालों से मनमुटाव हो गया है। उसने ससुरालवालों के खिलाफ घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज कराया है। बहरहाल वह बीमार है, इसलिए उसकी देखभाल के लिए कैदी को अंतरिम जमानत दी जाए। वहीं, पुलिस की तरफ से इस याचिका पर तफ्तीश रिपोर्ट दाखिल की गई। पुलिस ने बताया कि घरेलू हिंसा का फर्जी मुकदमा दाखिल किया गया है। यह पूरा खेल कैदी पंकज सहरावत को जमानत देने के लिए खेला गया है।
पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण सिंह की अदालत ने कैदी की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए पुलिस की रिपोर्ट को तथ्यात्मक माना है। अदालत ने कहा है कि इससे पहले भी यह आरोपी वर्ष 2012 में एक मुकदमे में इसी तरह अंतरिम जमानत लेकर फरार हो चुका है। पुलिस के मुताबिक, यह कैदी बाहरी दिल्ली का कथित कुख्यात अपराधी है। ऐसे में यह आरोपी जमानत पाने का हकदार नहीं है।
अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस की रिपोर्ट में बताया गया है कि जिस मकान में कैदी की पत्नी के ससुरालवालों से अलग जुलाई 2020 से रहने की बात कही जा रही है। उस मकान में बिजली मीटर ही एक अक्तूबर 2020 को लगवाया गया है। पुलिस को पड़ोसियों ने यह भी बताया कि इस मकान में कैदी की पत्नी नहीं रहती है। इतना ही नहीं पुलिस की तरफ से कैदी की पत्नी का वह बयान भी दाखिल किया गया जिसमें उसने ससुरालवालों पर कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कही है। इन्हीं सब आधारों पर अदालत ने आरोपी की अंतरिम जमानत याचिका को नामंजूर कर दिया है।
नीरज वबानिया की याचिका पर जवाब के लिए पुलिस ने मांगा वक्त
गैंगस्टर नीरज बवानिया की तरफ से अदालत में अंतरिम जमानत याचिका दाखिल की गई है। बाहरी दिल्ली के इस नामी कथित बदमाश की अंतरिम जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने समय दिए जाने की मांग की है। जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया है। ज्ञात रहे कि नीरज बवानिया व पंकज सहरावत एक ही मामले में आरोपी हैं।