पाकिस्तान में मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन, मीडिया और राजनीतिक विरोध का हो रहा दमन
मानवाधिकारों पर कार्य करने वाली संस्था ह्यूमन राइट्स वाच (Human Rights Watch) ने अपनी 2021 की वैश्विक रिपोर्ट में पाकिस्तान की इमरान खान सरकार (Imran Khan-led Pakistan government) को घेरा है। कहा है कि इमरान सरकार के कार्यकाल में पाकिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन (Human rights violations) बढ़ा है। बीते साल मीडिया, राजनीतिक विरोधियों और सामाजिक संगठनों का दमन किया गया। सरकार महिलाओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा रोक पाने में भी विफल रही।
रिपोर्ट में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को लेकर सरकार की नीति की निंदा की गई है। इस सिलसिले में डॉन अखबार के संपादक मीर शकील-उर-रहमान को छह महीने तक जेल में रखे जाने का जिक्र किया गया है। जबकि सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो भी बनाया हुआ है। वह भी इस मामले में कुछ कर पाने में विफल रहा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में राजनीतिक विरोधियों पर हमले जारी हैं। वहां पर स्वतंत्र अभिव्यक्ति को दबाया जा रहा है। यह सिलसिला खतरनाक हद तक बढ़ गया है। सत्ता के हितों को बनाए रखने के लिए विपक्षी नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को धमकाया जा रहा है। सरकार विरोधी कोई भी आवाज सुनी नहीं जा रही और उसे दबाने का कार्य हो रहा है। ये बातें ह्यूमन राइट्स वाच के एशिया डायरेक्टर ब्रैड एडम्स की लिखी रिपोर्ट में हैं।
रिपोर्ट में पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय लोगों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव पर चिंता जताई गई है। कहा गया है कि ईश निंदा कानून के तहत अहमदिया समुदाय के लोगों की हत्या भी हो रही है।