25 November, 2024 (Monday)

कैसे किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित होंगे तीनों कृषि कानून, बता रहे हैं देश के नामी वैज्ञानिक

नए कृषि कानूनों में किए गए प्रविधानों से कृषि विज्ञानी खासा उत्साहित हैं और खेती किसानी के आगे बढ़ने की दिशा में इसे महत्वपूर्ण करार दे रहे हैं। साथ ही कांट्रेक्ट फार्मिग को समय के हिसाब से उठाया गया एक उचित कदम बता रहे हैं। पिछले कुछ समय से कृषि कानून के हो रहे विरोध पर विज्ञानी का साफ कहना है कि यह कानून किसानों के हित में है, यदि कहीं संशोधन की आवश्यकता है तो उसके लिए भी सरकार तैयार है, ऐसे में शुरुआत में ही इसका विरोध अनुचित है। इन सभी मुद्दों पर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रधान विज्ञानी डॉ. जेपीएस डबास से गौतम कुमार मिश्र ने बातचीत की। पेश है बातचीत के मुख्य अंश..

 कृषि कानूनों से किसानों को कैसे लाभ मिलेगा?

-मोटे तौर पर कृषि कानूनों के तीन पहलू हैं। पहले में कांट्रैक्ट फॉर्मिंग की बात आती है। कांट्रेक्ट फॉर्मिंग हमारे देश के लिए कोई नई बात नहीं है। इस कानून में केवल इसे संगठित किया गया है। किसानों को यह अधिकार दिया गया है कि वे दिक्कत आने पर अब अधिकारियों के समक्ष दूसरे पक्ष की शिकायत कर सकेंगे। दूसरे पहलू में यह कानून किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की आजादी देता है। जहां किसान को अच्छी कीमत मिलेगी, अब वह वहां अपनी उपज बेचने को स्वतंत्र है। पहले यह आजादी नहीं थी। कानून का तीसरा पहलू किसानों को सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर फायदा पहुंचाएगा। इसके अंतर्गत भंडारण को लेकर सीमा खत्म कर दी गई, लेकिन सवाल यह है कि व्यापारी जिस भी उपज का भंडारण करेगा, वह किसानों से ही तो खरीदेगा। कहीं न कहीं इसका लाभ किसानों को ही मिलेगा। आपको बता दें कि सरकार भी अपनी जरूरतों के लिए किसानों के साथ कांट्रेक्ट खेती का सहारा लेती है। उदाहरण के तौर पर राष्ट्रीय बीज निगम किसानों के साथ विभिन्न फसलों के बीज के लिए कांट्रेक्ट करता है। कांट्रेक्ट में बीज के लिए निर्धारित राशि बाजार भाव से अधिक होती है। देश के कई हिस्सों में किसान राष्ट्रीय बीज निगम के अलावा अपने-अपने राज्यों के बीज निगम के लिए भी उत्साह से कांट्रेक्ट फॉर्मिंग करते हैं। आप पता लगा लीजिए, इनमें से कितने किसानों की जमीनें गई हैं। यह केवल एक मनगढंत बात है। कांट्रेक्ट फॉर्मिंग का दायरा अब केवल सरकारी एजेंसी तक नहीं रहा। अब निजी क्षेत्र की कंपनियां भी इस क्षेत्र में आएंगी और इसका सीधा लाभ किसानों को ही मिलेगा।

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