हिम्मत और जज्बे से इतिहास रचने की दहलीज पर भारतीय हाकी टीम, जानें- क्या बोले युवा खिलाड़ी
टोक्यो ओलिंपिक 2020 में भारतीय पुरुष हाकी टीम के बाद महिला टीम ने भी सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। पूरे देश में भारतीय हाकी टीम का डंका बज रहा है। इस कामयाबी पर हर कोई उन्हें बधाई दे रहा है। उत्तराखंड के खेल प्रेमी भी उत्साह से लबालब हैं। 1988 सिओल ओलिंपिक में भारतीय टीम के गोलकीपर रहे नैनीताल निवासी पूर्व ओलिंपियन राजेंद्र सिंह रावत से लेकर युवा खिलाड़ी व कोच भारतीय टीमों को स्वर्ण पदक जीतने के लिए शुभकामनाएं दे रहे हैं। राजेंद्र सिंह रावत का कहना है कि हिम्मत और जज्बे के बूते भारतीय टीम इतिहास रचने की दहलीज पर पहुंची है।
पूर्व ओलंपियन (हाकी) राजेंद्र सिंह कहते हैं कि दशकों बाद भारतीय पुरुष व महिला हाकी टीम आत्मविश्वास से भरी दिख रही है। दोनों ही टीम के खिलाड़ी फिजिकल व स्किल में फिट नजर आए। महिला टीम की हिम्मत व जज्बे को देख रोंगटे खड़े हो गए। महिला टीम की गोलकीपर ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया। दोनों ही टीमें स्वर्ण पदक की दावेदार हैं। टीमों को मेरी शुभकामनाएं।
हाकी कोच अमित कटारिया का कहना है कि 1972 के बाद पुरुष हाकी टीम का ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन रहा है। इसका श्रेय इंडिया टीम के कोच ग्राहम रीड को भी जाता है। एक कोच के नजरिये से देखा जाए तो टीम के सभी खिलाड़ियों ने अच्छे और चतुर खेल का प्रदर्शन किया है। कप्तान मनप्रीत सिंह ने सभी खिलाडिय़ों को एकजुट कर देश का मान बढ़ाया है।
हाकी खिलाड़ी पूजा भट्ट कहती हैं कि महिला हाकी टीम ने इतिहास रच दिया। गत वर्ष की स्वर्ण पदक विजेता को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश करना उम्मीद से बढ़कर है। मैं आशा करती हूं कि दोनों टीमें स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराएं।
वहीं, हाकी खिलाड़ी ममता भट्ट ने कहा कि हमारे देश की शान वंदना कटारिया से देश को बहुत उम्मीदें हैं। महिला टीम का क्वार्टर फाइनल देख पूरे देश को भारतीय टीम से स्वर्ण पदक की उम्मीद जगी है। इंडिया ने आस्ट्रेलिया जैसी चैंपियन टीम को हराकर दिखा दिया है कि वह किसी से कम नहीं है।