स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन बोले- कोरोना से सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में हुई बाधा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस टीकों के निष्पक्ष और समान वितरण की जरूरत पर जोर देते हुए सोमवार को कहा कि कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित निर्धनतम और वंचित लोग हुए हैं और इस संकट का असर सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में अथक परिश्रम से हुई प्रगति बाधित होगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अधिशासी बोर्ड के 148वें सत्र की वीडियो कांफ्रेंस के जरिये से अध्यक्षता करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि महामारी ने एक ऐसा अवसर प्रस्तुत किया है जहां ‘स्वास्थ्य’ को सरकारों, साझेदारों और दानदाताओं के वैश्विक एजेंडा में रखा गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश की जरूरत को रेखांकित किया है और डब्ल्यूएचओ में सतत आíथक योगदान की जरूरत भी चिह्नति की है ताकि यह वैश्विक संस्था सार्वजनिक स्वास्थ्य जरूरतों पर पूरी तरह ध्यान दे सके। हर्षवर्धन ने दुनियाभर के चिकित्सा कíमयों, विज्ञानियों, अनुसंधानकर्ताओं तथा अन्य कíमयों का आभार व्यक्त किया जो महामारी से निपटने के लिए लगातार कठिन एवं चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार केंद्रीय मंत्री ने उन परिवारों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की जिन्होंने कोरोना वायरस के कारण अपने प्रियजनों को गंवा दिया। उनके हवाले से मंत्रालय ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि 2020 पूरी दुनिया के लिए कितना मुश्किल रहा है। मानवता ने इस संकट से किस तरह अपनी पूरी शक्ति के साथ मुकाबला किया है, लेकिन इसी एक साल में विज्ञान के प्रमाणों को विवेकपूर्ण तरीके से अपनाया भी गया। मैं 2020 को ‘विज्ञान का वर्ष’ और ‘अतुल्य वैज्ञानिक उपलब्धियों का वर्ष’ कहता हूं।’
उन्होंने कहा, ‘अनुसंधानकर्ताओं ने 12 महीने से कम समय में एक नई बीमारी को चिह्नति किया है, एक नए वायरस के जीनोम पर अध्ययन किया है, निदान तकनीक विकसित की हैं, उपचार के प्रोटोकॉल तैयार किए हैं और बिना किसी क्रम के नियंत्रित परीक्षणों में दवाओं एवं टीकों का प्रभाव साबित किया है।’