सरकार ने उठाया अहम कदम, बैंक गारंटी जरूरतों में की गई 80 प्रतिशत की कटौती
दूरसंचार विभाग ने देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों की वित्तीय बैंक गारंटी आवश्यकताओं में 80 प्रतिशत की कटौती की है। इस प्रसंग में लाइसेंस संशोधन नोट जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि टेलीकॉम कंपनियों को बाध्यता के तहत क्षेत्र में परफॉर्मेंस को लेकर टेलीकॉम लाइसेंस के लिए हर एक सेवा क्षेत्र पर 44 करोड़ रुपये तक की गारंटी देनी पड़ेगी। इससे पहले यह गारंटी 220 करोड़ रुपये की थी।
इस ही तरह 44 करोड़ रुपये की पिछली आवश्यकता की तुलना में अब हर एक टेलीकॉम सर्कल के लिए अधिकतम 8.8 करोड़ रुपये की वित्तीय बैंक गारंटी (एफबीजी) प्रदान करने की आवश्यकता होगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लाइसेंस संशोधन नोट के नियम उन परिस्थितियों में लागू नहीं होंगे, जहां अदालत द्वारा बैंक गारंटी दी गई है या फिर किसी कानूनी विवाद के अधीन है। इसके अलावा नियम उन टेलीकॉम ऑपरेटर्स पर भी लागू होंगे, जो अपने परिशोधन प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।
बता दें कि हाल ही में दूरसंचार विभाग की ओर से आयोजित इवेंट में कुछ विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए थे। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए पीएम वाणी योजना और साइबर अपराधों पर रोकथाम लगाने की जानकारी भी प्रतिभागियों को दी।
इसके अलावा विशेषज्ञों का कहना था कि मोबाइल टावर से रेडिएशन फैलने का कोई खतरा नहीं है। मोबाइल टावर से निकलने वाली तरंगों से लोगों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। संचार व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए टावर लगाने की बहुत अवश्यक्ता है।
पीएम वाणी योजना की बात करें तो इसके तहत किसी भी क्षेत्र में फाइबर केबल के जरिए लोगों तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाया जाएगा। वहीं, इस योजना का मुख्य लक्ष्य शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण और दुरस्त क्षेत्रों में इंटरनेट का जाल फैलाना है, ताकि सभी हाई स्पीड इंटरनेट का उपयोग कर सकें।