23 November, 2024 (Saturday)

साईं बाबा पर विवादित बयान देकर बुरे फंसे बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री, पुलिस में शिकायत दर्ज

मुंबई :  मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ मुंबई के बांद्रा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। यह शिकायत साईं बाबा को लेकर दिए गए विवादित बयान के चलते दर्ज कराई गई है। बांद्रा पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया है कि धीरेंद्र शास्त्री ने अपने बयान से धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। शिकायत में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई। यह शिकायत शिवसेना (उद्धव गुट) युवा सेना के नेता और शिर्डी साई संस्थान के पूर्व ट्रस्टी राहुल कनाल ने दर्ज कराई है।

साईं बाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं पर भगवान नहीं

दरअसल, जबलपुर के पनागर में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा था कि साईं बाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं पर भगवान नहीं हो सकते। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, “लोगों की अपनी अपनी निजी आस्था है और किसी की आस्था को हम ठेस नहीं पहुंचा सकते इतना कह सकते हैं। साईं बाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं पर भगवान नहीं हो सकते। अब आप ने कहा हिंदू धर्म से पूजा होती है, वैदिक धर्म से पूजा होती है,  देखो भाई ऐसा बोलूंगा तो लोग इसको कॉन्ट्रोवर्सी में ले लेंगे लेकिन यह बोलना भी जरूरी है। गीदड़ की खाल पहन कर कोई शेर नहीं बन सकता है। बागेश्वर धाम सरकार मान ले कि हम शंकराचार्य जी का छत्र लगा लें और सिहासन लगवा लें और चरम लगा लेंगे और कह दे कि हां भाई शंकराचार्य बैठे हैं तो क्या हम बन जाएंगे नहीं। नहीं । भगवान भगवान हैं और संत संत हैं’।

सनातनी पद्धति से होती है साईं की पूजा

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से यह सवाल पूछा गया था कि  “हमारे हिंदुस्तान में बहुत सारे लोग साईं भक्त है। महाराष्ट्र में भी,साउथ में भी बहुत साईं भक्त है। लेकिन सनातन साईं भगवान मूर्ति पूजा को नकारता नज़र आता है जबकि साईं की पूजा पूरी सनातनी पद्धति से होती है”

शंकराचार्य जी ने साईं बाबा को देवताओं का स्थान नहीं दिया

बाबा बागेश्वर ने इसका जवाब देते हुए कहा “हमारे धर्म के शंकराचार्य जी ने साईं बाबा को देवताओं का स्थान नहीं दिया है और शंकराचार्य की बात मानना प्रत्येक सनातनी का धर्म है क्योंकि वह अपने धर्म के प्रधानमंत्री हैं औऱ कोई भी संत चाहे वो हमारे धर्म पंथ के हो या फिर, गोस्वामी तुलसीदास जी हों या सूरदास जी हों, संत हैं महापुरुष है, युगपुरुष है, कल्पपुरूष हैं लेकिन भगवान नहीं हैं।”

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