वित्त मंत्रालय ने किया स्पष्ट, सिर्फ 25 किलो तक की पैकिंग पर लगेगा जीएसटी
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बिना ब्रांड वाले खाद्य पदार्थों तथा अन्य उत्पादों पर जीएसटी टैक्स स्लैब पर एक स्पष्टीकरण जारी किया है। वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि 18 जुलाई से लागू नया टैक्स स्लैब केवल 25 किलो तक की पैकिंग पर ही लगेगा। इसके ऊपर की पैकिंग वाले आटा, चावल और दाल पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
वित्त मंत्रालय के इस फैसले का कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सोमवार को जारी एक बयान में स्वागत किया है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कारोबारियों के लगातार प्रयत्नों के बाद वित्त मंत्रालय के इस स्पष्टीकरण से थोक विक्रेता जीएसटी के दायरे से बाहर हो जाएंगे, जो एक बड़ी राहत होगी। जो लोग इस टैक्स के दायरे में आएंगे, उनके दिए हुए टैक्स का इनपुट क्रेडिट मिल जाएगा, जबकि खुला माल देने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
कैट महामंत्री ने केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री निर्मला सीतारमण, जीएसटी परिषद और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अध्यक्ष विवेक जौहरी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कैट के उठाए गए मुद्दों पर स्पष्टीकरण देकर वित्त मंत्रालय ने इस मामले को सरल बना दिया। हालांकि, खंडेलवाल ने कहा कि आज से देशभर में कुछ अन्य वस्तुओं पर 5 फीसदी या उससे अधिक कर लग रहा है, जिससे इन वस्तुओं का महंगा होने की पूरी संभावना है। इसका बोझ सीधे तौर पर आम आदमी पर पड़ेगा।
5 फीसदी जीएसटी लगेगा
दरअसल आज से सभी प्रकार के सूखे एवं तरल खाद्यान्न सहित पैक्ड दही, लस्सी, बटर मिल्क महंगे हो गए हैं। इन वस्तुओं पर अब 5 फीसदी जीएसटी लगेगा, जो पहले इसके दायरे से बाहर था। चेकबुक जारी किए जाने पर बैंकों की ओर से लिए जाने वाले शुल्क पर अब 18 फीसदी जीएसटी देना पड़ेगा। अस्पतालों में 5 हजार रुपये (ग़ैर आईसीयू) से ज्यादा किराया वाले कमरों पर 5 फीसदी जीएसटी, जबकि होटलों के एक हजार रुपये प्रति दिन से कम किराया वाले रूम पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा जो पहले फ्री था। इसी तरह एलईडी लाइट्स, एलईडी लैंप पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगेगा, जो पहले नहीं था। ब्लेड, कैंची, पेपर, पेंसिल्स शार्पनर, चम्मच, कांटे वाले चम्मच, स्किमर्स और केक इत्यादि वस्तुओं पर पहले 12 फीसदी की जगह 18 फीसदी जीएसटी देना होगा।
इस बीच कैट ने जीएसटी स्लैब में आमूल-चूल परिवर्तन के लिए जीएसटी क़ानून और नियमों की नए सिरे से समीक्षा करने और नया नियम बनाने को लेकर आगामी 26 जुलाई से एक देशव्यापी आंदोलन छेड़ने की घोषणा की है। कैट का यह राष्ट्रीय अभियान भोपाल से शुरू होगा। इस दिन मध्य प्रदेश के समस्त व्यापारी नेताओं का एक महासम्मेलन भोपाल में बुलाया गया है। इसके लिए देश के विभिन्न राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं को आमंत्रित किया गया है, जो इस आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे।