Farmer Protests: धरनास्थल से जाने के लिए तैयार नहीं महिलाएं व बुजुर्ग किसान



दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर किसानों का धरना-प्रदर्शन शनिवार को 51वें दिन पहुंच गया है। इस बीच कुंडली बॉर्डर पर आंदोलनरत किसान हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच डटे हैं। इनमें महिलाएं व बुजुर्ग किसान भी शामिल हैं। केंद्री सरकार के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं व बुजुर्गाें को वापस भेजे जाने की सलाह किसानों को दी है, लेकिन वे वापस जाने को तैयार नहीं हैं। महिलाओं का कहना है कि वे बॉर्डर पर डटी रहेंगी और ट्रैक्टर मार्च में भी किसानों के साथ चलेंगी। आंदोलनरत किसानों ने अब 26 जनवरी की ट्रैक्टर मार्च की तैयारी शुरू कर दी है। मार्च में भाग लेने के लिए पंजाब व हरियाणा से लगातार किसानों के जत्थे कुंडली बॉर्डर पर जुट रहे हैं। ट्रैक्टर लेकर बड़ी संख्या में युवा रोजाना बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। जीटी रोड पर कुंडली बॉर्डर से लेकर अब केएमपी-केजीपी एक्सप्रेस-वे के जीरो प्वाइंट के नजदीक ट्रैक्टर-ट्रालियों की कतार पहुंच चुकी है। इन ट्रैक्टरों के साथ महिलाएं भी यहां पहुंच रही हैं। किसानों का कहना है कि 26 जनवरी की मार्च के लिए वे अपनी सभी तैयारियां 20 जनवरी तक पूरा करना चाहते हैं।
गांव स्तर पर बना रहे कमेटी
खरखौदा के संवाददाता के मुताबिक, ट्रैक्टर मार्च को लेकर किसान संगठनों के आह्वान पर गांव स्तर पर कमेटियां बनाई जा रही हैं। यह कमेटी गांव-गांव जाकर किसानों से ट्रैक्टर मार्च में चलने की अपील करेगी। बृहस्पतिवार को खांडा गांव में दहिया बारह प्रधान अत्तर सिंह की अगुवाई में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें किसान संगठनों के आह्वान पर एक कमेटी का गठन किया गया।
भारतीय किसान यूनियन के ब्लाक अध्यक्ष जयसिंह नकलोई ने बताया कि उनकी तरफ से ब्लाक के गांव-गांव जाकर किसान कमेटी का गठन किया जा रहा है। ये कमेटियां अपने गांव के किसानों को 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च लेकर आएंगी। उन्होंने कहा कि आज खांडा में एक कमेटी की गठन किया गया है, जबकि इससे पहले चौलका, सेहरी, नकलोई, बिधलान व निरथान में कमेटियां बनाई जा चुकी हैं।